उत्तराखंड राज्य के नैनीताल हाई कोर्ट ने नौकरियों में पदोन्नति को लेकर आरक्षण खारिज कर दिया है। बता दें कि सरकारी नौकरियों में पदोन्नति के आरक्षण को लेकर 2011 के खंडपीठ के निर्णय का हवाला देते हुए हाईकोर्ट द्वारा यह अहम आदेश पारित किया गया है। कोर्ट का कहना है कि पदोन्नति में आरक्षण का अधिकार के रूप में दावा नहीं किया जा सकता इस आधार पर शिक्षा विभाग में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी नवमी देवी याचिका को खारिज कर दिया गया है। नवमी देवी ने 2018 में पदोन्नति में आरक्षण की मांग करते हुए अदालत का दरवाजा खटखटाया था और कहा था कि वह अनुसूचित जाति से है इसलिए पदोन्नति में लाभ पाने की हकदार है। जानकारी के मुताबिक नवमी देवी उत्तरकाशी में राजकीय लाइब्रेरी भटवाड़ी में 5 अगस्त 1994 को चतुर्थ श्रेणी पद पर नियुक्त हुई थी और उनका ट्रांसफर 1999 में जीआईसी राजगरी में हो गया। उन्होंने जून 2010 में आयोजित परीक्षा में पदोन्नति हेतु हिस्सा लिया था। निदेशक प्रारंभिक शिक्षा की ओर से 20 नवंबर 2015 को सचिव विद्यालयी शिक्षा को भेजे गए पत्र में बताया था कि 2020 में उत्तराखंड अधीनस्थ लिपिक सेवा संवर्ग सीधी भर्ती नियमावली 2004 व संशोधित 2008 में निहित प्रावधानों के तहत चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के कनिष्ठ सहायक पदों पर पदोन्नति प्रक्रिया आरंभ की गई है। इस तरह से उन्होंने पदोन्नति के लिए कोर्ट में याचिका दर्ज की थी लेकिन हाईकोर्ट ने सरकारी नौकरियों में पदोन्नति के लिए आरक्षण को खारिज कर दिया है।
Recent Posts
- बागेश्वर: – पीएम श्री विश्वकर्मा महत्वाकांक्षी योजना के लाभार्थियों को दिया जाए प्रोत्साहन – डीएम
- बागेश्वर :- उप डाकघर कांडा घोटाले के आरोपी एवं निकट सम्बन्धी के चल- अचल के विक्रय पर जिला प्रशासन ने लगाई रोक
- शुरू हुई देश की पहली पीएसपी……. उत्तराखंड को मिलेगी इतनी मेगावाट बिजली
- Uttarakhand:-केदारनाथ उपचुनाव के लिए संपन्न हुआ मतदान…….पड़े इतने फ़ीसदी वोट
- Uttarakhand:- अनियंत्रित होकर खाई में गिरी जीप…… एक की मौत, अन्य घायल