
उत्तराखंड राज्य में हाई कोर्ट द्वारा केदारनाथ व यमुनोत्री मार्ग पर घोड़ा- खच्चरों को लेकर आदेश जारी किए गए हैं। बता दे कि मार्ग पर चलने वाले घोड़े और खच्चर गर्म पानी पीएंगे और रात में आराम करेंगे तथा उनकी साफ सफाई में भी गर्म पानी का इस्तेमाल किया जाएगा और साथ में उनकी सेहत का भी पूरा ध्यान रखा जाएगा। बता दें कि राज्य सरकार द्वारा हाई कोर्ट के इस फैसले पर सहमति जताई गई है। चार धाम मार्ग में लापरवाही के कारण कई घोड़ा और खच्चरों की मौत हो चुकी है तथा इस मामले में दायर जनहित याचिकाओं पर मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति विपिन सांघी व न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल के खंडपीठ ने सुनवाई की तथा अदालत ने याचिकाओं में उठाए गए समस्याओं के निस्तारण के लिए सरकार व याचिकाकर्ताओं से सहमति पत्र पेश करने को कहा है। हाई कोर्ट का कहना है कि घोड़ा व खच्चर रात में कार्य नहीं करेंगे तथा उन पर उनकी क्षमता के अनुसार ही भार लादा जाएगा। घोड़े खच्चर 1 दिन में एक ही चक्कर लगाएंगे। यात्रा से पहले उनका स्वास्थ्य परीक्षण होगा तथा गर्म पानी के साथ रहने की उनकी व्यवस्था की जाएगी। इसके साथ ही वेटरनरी स्टाफ की व्यवस्था भी की जाएगी।
