
उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के सचिवालय भर्ती परीक्षा में पेपर लीक मामले में उधम सिंह नगर के 2 अभ्यर्थियों को आयोग के साथ ही राज्य सरकार के अधीन अन्य सेवा के लिए सूचीबद्ध प्रतियोगिता परीक्षा में आगामी 5 साल के लिए प्रतिबंधित करने के आदेश पर हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है| साथ ही कोर्ट ने राज्य सरकार व अधीनस्थ सेवा चयन आयोग से 3 सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने के लिए कहा है|
आज न्यायाधीश न्यायमूर्ति रविंद्र मैठानी की एकलपीठ में उधम सिंह नगर के दयाराम अजय की याचिका पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने यह फैसला सुनाया|
याचिकाकर्ता के अधिवक्ता संजय भट्ट ने कोर्ट में कहा कि 16 मई को आयोग के सचिव सुरेंद्र सिंह रावत की ओर से आदेश जारी कर दोनों अभ्यर्थियों को आगामी 5 साल के लिए प्रतियोगी परीक्षा के लिए प्रतिबंधित कर दिया था| आयोग की ओर से उत्तर प्रदेश लोक परीक्षा (अनुचित साधन का प्रतिबंध) अधिनियम 1998 की धारा-9/ 10 व अन्य सुसंगत धाराओं के अधीन अनुचित साधनों का प्रयोग कर परीक्षा की सुचिता को भंग करने का दोषी करार दिया था|
इन अभ्यर्थियों को आयोग की ओर से 24 अप्रैल 2023 को नोटिस जारी किया गया था लेकिन संतोषजनक उत्तर नहीं दिया गया| याचिकाकर्ता के अधिवक्ता के अनुसार अधिनियम के अनुसार यह आदेश ट्रायल के बाद केवल न्यायिक मजिस्ट्रेट ही पारित कर सकते हैं| आयोग को कोई अधिकार नहीं है| जिसके बाद एकलपीठ ने आयोग के आदेश पर रोक लगाई है और आयोग से जवाब मांगा है|
