उत्तराखंड राज्य के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने घोषणा करते हुए कहा है कि प्रदेश के पहाड़ी क्षेत्रों में जितने भी डॉक्टर तैनात हैं उन्हें मेडिकल कॉलेजों में तैनात फैकल्टी की तरह पर्वतीय भत्ता दिया जाएगा। यह घोषणा स्वास्थ्य मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने जिला चिकित्सालय में पीपीपी मोड पर संचालित कार्डियक यूनिट के उद्घाटन के अवसर पर की और उन्होंने कहा कि जिस तरह मेडिकल कॉलेजों में तैनात फैकल्टी को पर्वतीय भत्ता दिया जाता है उसी तरह पहाड़ी क्षेत्रों में तैनात अन्य डॉक्टरों को भी पर्वतीय भत्ता मिलेगा। दरअसल प्रांतीय चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवा संघ मेडिकल फैकल्टी के सामान ही भत्ते की मांग कर रहा है। इसके अलावा स्वास्थ्य मंत्री विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी को देखते हुए सेवानिवृत्ति की आयु बढ़ाने के संकेत भी दिए हैं। उनका कहना है कि सेवानिवृत्ति की आयु 60 वर्ष से बढ़ाकर 65 वर्ष की जाएगी और इस प्रस्ताव को जल्द ही कैबिनेट में लाया जाएगा। इस मामले में चिकित्सकों से रायशुमारी करके अंतिम निर्णय लिया जाना है। इसके अलावा उन्होंने यह भी कहा कि दून की तर्ज पर जल्द ही हल्द्वानी व श्रीनगर में भी पीपीपी मोड पर कार्डियक यूनिट संचालित करने पर विचार किया जा रहा है और इसके लिए टेंडर प्रक्रिया जल्द ही शुरू की जाएगी।
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