उत्तराखंड राज्य के जोशीमठ में 11 महीने पहले भू धंसाव के कारण भारी नुकसान झेलना पड़ा था। बता दे कि भू धंसाव के 11 महीने बाद एक बार फिर से क्षेत्र में जिओ टेक्निकल सर्वे किया जा रहा है और सर्वे का काम मुंबई बेस नीदरलैंड की फुगरो कंपनी के द्वारा शुरू किया गया है।
बता दे कि सबसे पहले औली मोटर मार्ग पर सर्वे शुरू किया गया है और बीते 9 नवंबर को सांयल टेस्टिंग रॉक टेस्टिंग का कार्य शुरू हुआ था। वही एक बड़े भाग की ड्रिलिंग भी कंपनी द्वारा की जा रही है जिससे जोशीमठ के नीचे की पक्की चट्टान का अध्ययन किया जा सकेगा। मौके पर मौजूद भू वैज्ञानिको के अनुसार अभी तक 36 मीटर तक जिओ टेक्निकल सर्वे का काम किया जा चुका है मगर पक्की चट्टान नहीं मिल पाई है। वहीं दूसरी तरफ केंद्र और उत्तराखंड सरकार भी जोशीमठ में भूगर्भीय सर्वेक्षण कर चुकी है। वैज्ञानिकों ने जोशीमठ की भार क्षमता को लेकर अध्ययन किया है और अब अंतिम बार भूगर्भीय सर्वेक्षण किया जा रहा है जिसके बाद जोशीमठ के बाहर की क्षमता की स्थिति स्पष्ट हो जाएगी।