
उत्तराखंड राज्य में नवोदय विद्यालय कई प्रकार की समस्याओं से जूझ रहे हैं। जिनका निदान अब सरकार करने जा रही हैं। बता दें कि नवोदय विद्यालय राज्य सरकार के अन्य विद्यालयों से अलग व्यवस्था के अनुसार संचालित होते हैं इन्हें सोसाइटी मोड पर चलाया जाता है और राज्य में कुल मिलाकर नवोदय विद्यालय के छात्रों की संख्या 4410 है। बता दे कि उत्तराखंड राज्य में पहली बार नवोदय विद्यालयों को लेकर अलग से नियमावली तैयार की जा रही है और चार जिलों में अतिरिक्त नवोदय विद्यालय की स्थापना करने के प्रयास भी किए जा रहे हैं । बता दें कि अब राज्य में नवोदय विद्यालयों को शिक्षकों की कमी छात्र- छात्राओं को प्रवेश संबंधी समस्याओं से नहीं जूझना पड़ेगा। और नवोदय विद्यालयों में शिक्षकों के कुल 624 पद स्वीकृत हैं। हालांकि यह पद अभी भरे नहीं हैं इन पंक्तियों का प्रभाव बच्चों की पढ़ाई पर भी पड़ रहा है। बता दें कि इन सब समस्याओं के बाद ही अब नवोदय विद्यालयों के लिए अलग से नियमावली बनाना आवश्यक हो गया है। इससे विद्यालयों में आवश्यक व्यवस्था करने के लिए भी मदद मिलेगी। इस बारे में शिक्षा मंत्री डॉक्टर धन सिंह रावत का कहना है कि नवोदय विद्यालयों के विकास और समस्याओं के समाधान के लिए पृथक नियमावली अत्यंत आवश्यक है।तथा साथ में शिक्षा मंत्री ने यह भी कहा कि रुद्रप्रयाग, उधम सिंह नगर, बागेश्वर और उत्तरकाशी में अतिरिक्त नवोदय विद्यालय बनाने को लेकर भी विचार किया जा रहा है और इस संबंध में जल्द ही केंद्र सरकार को प्रस्ताव भी भेजा जाएगा। इन विद्यालयों के निर्माण में 120 करोड़ का खर्च आने वाला है।
