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उत्तराखंड राज्य में गन्ना किसानों ने गन्ने की आवक बढ़ाने के लिए नया कदम उठाया है। बता दे कि चीनी मिलों में गन्ने की आवक बढ़ सके इसके लिए कर्मचारियों को फील्ड में उतार दिया गया है और ऐसा पहली बार हुआ है जब पिराई सत्र की शुरुआत में ही चीनी मिलों में गन्ने की आपूर्ति को लेकर मारामारी नहीं है।
वही किसान विभाग से गेहूं का क्षेत्रफल बढ़ाने के लिए मुफीद मान रहा है इस बार लिब्बरहेड़ी एवं इकबालपुर चीनी मिल की ओर से समय से गन्ने की पिराई शुरू कर दी गई है और चीनी मिल द्वारा लगातार इडेंट बढ़ाकर भेजा जा रहा है लेकिन जितना बढ़ाकर भेजा जा रहा है उतना ही गन्ना चीनी मिल को नहीं मिल पा रहा है जबकि पूर्व के वर्षों में चीनी मिल की ओर से जारी ईडेंट से अधिक गन्ना चीनी मिल में पहुंचता था जिसकी वजह से किसानों को कई बार 8 से 10 घंटे लगते थे लेकिन ऐसा इस बार नहीं हो रहा है।
बता दें कि लिब्बरहेड़ी चीनी मिल की पेराई क्षमता 80 हजार कुंतल की है लेकिन उसे अभी तक 60000 कुंतल गन्ना ही मिल पाया है। यही स्थिति इकबालपुर की भी। वही प्रबंधन कर्मचारियों को किसानों के पास भेजकर गन्ने की आपूर्ति के लिए कह रहा है और चीनी मिलों में अब धीरे-धीरे गन्ने की आपूर्ति बढ़ना शुरू हो गई है तथा एक हफ्ते के अंदर स्थिति सामान्य होने के आसार हैं।
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