
उत्तराखंड राज्य में गन्ने के मूल्य घोषित ना करने पर किसान काफी परेशान है। सरकार की ओर टकटकी लगाए हुए किसानों को अभी तक राहत नहीं मिली है और गन्ने के दाम घोषित न होने के कारण चीनी मिल एवं किसान दोनों ही परेशान है।
मिलो का संचालन करना भी काफी मुश्किल हो गया है। बता दें कि रुड़की में 100 से अधिक तोल केंद्रों पर 10 दिन से किसान गन्ना लेकर ही नहीं पहुंचे और तोल लिपिक हर दिन खाली हाथ लौट रहे हैं और किसान संगठन ने भी सरकार पर निशाना साधा है। चीनी मिलों को शुरू से ही कम मात्रा में गन्ना मिल रहा है जिससे कि चीनी मिल परेशान है तथा चीनी मिल अपनी पूरी क्षमता में नहीं चल पा रहे हैं। गन्ना कोलू में इस बार दाम ₹400 प्रति क्विंटल के पार पहुंच गए हैं और चीनी मिल किसानों को 355 रुपए प्रति क्विंटल की दर से भुगतान कर रहे हैं। सरकार ने भी गन्ने के दाम घोषित नहीं किए हैं ऐसे में किसान काफी परेशान है। किसानों का कहना है कि यदि जल्द ही दाम घोषित नहीं किए गए तो वह विधानसभा का घेराव करेंगे और संगठन की ओर से इस मामले में सरकार को चेतावनी दी जा चुकी है। भारतीय किसान क्लब के अध्यक्ष चौधरी कटार सिंह का कहना है कि सरकार को पहले ही गन्ने के दाम घोषित कर देने चाहिए थे मगर अभी तक दम घोषित न होने के कारण किसान और मिल प्रबंधन परेशान है।
