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चीनी मिलों का संचालन न होने से उत्तराखंड राज्य में किसानो में आक्रोश व्याप्त है। बता दे कि दिसंबर माह में भी बाजपुर व किच्छा की चीनी मिल संचालित नहीं हो रही है जिसके चलते किसान काफी आक्रोशित है और कहा गया है कि सरकार किसानों से संबंधित अधिकतर मामलों में उपेक्षा कर रही है जबकि प्रत्येक वर्ष 20 से 25 नवंबर के आसपास चीनी मिलों का गन्ना पेराई सत्र शुरू हो जाता था लेकिन इस वर्ष अभी तक मिलन का संचालन नहीं किया गया है और किसान गेहूं की फसल बोने से भी वंचित हो रहे हैं।
दिसंबर के दूसरे सप्ताह में चीनी मिल संचालित होने की संभावना है जिससे किसान लगभग एक माह गेहूं की फसल बोने से लेट हो जाएगा और फसलों पर इसका प्रभाव पड़ेगा। इन परेशानियों को देखते हुए किसानों द्वारा कहा गया है कि 5 दिसंबर को बाजपुर चीनी मिल में प्रदर्शन किया जाएगा। किसान नेता विजेंद्र डोगरा के अनुसार अनेक बार मिल प्रबंधन तंत्र से वह मिल चुके हैं पहले 29 नवंबर वह 1 दिसंबर को फैक्ट्री चलाने की बात कही गई थी लेकिन अभी तक फैक्ट्री चलाने का प्रयास नहीं किया गया है और मरम्मत का कार्य भी काफी धीमी गति से हो रहा है इसलिए किसान गेहूं बोने से भी वंचित है। किसानों ने चीनी मिल का शुभारंभ जल्द किए जाने की मांग करी है और यदि ऐसा नहीं हुआ तो उन्होंने प्रशासनिक भवन के समक्ष जमा होकर धरना प्रदर्शन करने की चेतावनी भी दी है।
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