
उत्तराखंड राज्य में काफी समय से बारिश न होने के कारण जल स्रोत भी सूखने की कगार पर है।बता दे कि बीते तीन माह से बारिश न होने के कारण जल स्तर घटने लगा है और ऐसे में 24 योजनाओं के जलस्तर में 50 फीसदी की गिरावट आई है। यदि जल्द ही बारिश ना हुई तो इन जल स्रोतों में और अधिक गिरावट आ सकती हैं।
मॉडेस्क प्रणाली के तहत पर्वतीय क्षेत्रों में लगे अधिकांश हैंडपंपों से भी पानी कम निकल रहा है जिसके कारण पेयजल समस्या और अधिक गंभीर हो चुकी है। नवंबर माह से बारिश न होने के कारण पेयजल स्रोतों में पानी की कमी हो चुकी है। बारिश न होने के कारण खेती भी सूखने की कगार पर है। बारिश न होने के कारण सब्जी के पौधों को काफी नुकसान पहुंचा है यदि जल्द ही बारिश ना हुई तो खेती भी चौपट होने की कगार पर आ जाएगी।