Uttarakhand-आर्थिक संकट से गुजर रहा है दिव्यांग आवासीय विद्यालय…… साल 2020 से नहीं मिल रहा अनुदान

वर्तमान समय में कोई भी दिव्यांग बच्चा किसी साधारण बच्चे से किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं है। बस उस बच्चे को सही दिशा और संसाधन की आवश्यकता होती है। बता दें कि दिव्यांगता किसी भी सफलता में बाधा नहीं बन सकती हैं और गढ़वाल विश्वविद्यालय की छात्रा नेत्र दिव्यांग वंशिका मलिक ने संगीत में स्वर्ण पदक लेकर यह साबित भी किया है। बता दें कि साल 2020 से उत्तरकाशी जिले के नौगांव ब्लॉक के तुनाल्का में स्थित विजया पब्लिक दृष्टि दिव्यांग आवासीय विद्यालय को अनुदान नहीं मिल रहा है। यह विद्यालय आर्थिक संकट से गुजर रहा है और विद्यालय में 50 नेत्र दिव्यांग छात्र अनुदान की मांग को लेकर पिछले कई दिनों से धरने पर बैठे हैं मगर फिर भी अधिकारियों की नजर इन बच्चों पर नहीं पड़ी। बता दें कि विद्यालय की छात्रा जो कि नेत्र दिव्यांग है और ब्रेल लिपि तथा टेलीफेम से पढ़ाई करती है उनका कहना है कि वह शिक्षक बनना चाहती है लेकिन उनका अनुदान साल 2020 में बंद कर दिया गया है और उनके परिवार की आर्थिक स्थिति भी कुछ ठीक नहीं है। बता दें कि अनुदान मांग के लिए दिव्यांग बच्चे आंदोलन कर रहे हैं और ऐसे में अब बच्चों का सपना कैसे पूरा होगा इस मामले में विद्यालय की प्रबंधक विजया जोशी का कहना है कि राष्ट्रीय दिव्यांगजन सशक्तिकरण संस्थान देहरादून के प्रोजेक्ट के तहत भारत सरकार से दृष्टि दिव्यांग आवासीय विद्यालय को सहयोग मिलता था मगर कोरोना के बाद यह बंद कर दिया गया है और बजट की कमी का हवाला दिया गया है।