देवभूमि उत्तराखंड बाघों के लिए काफी सुरक्षित मानी जा रही है। यहां कुमाऊं के वेस्टर्न सेंटर में अकेले 216 बाघ मौजूद हैं और इस सर्किल के अंतर्गत 5 वन प्रभाग आते हैं जिन्हें बाघों के लिए काफी सुरक्षित माना जाता है। 2018 की गणना में यहां 127 बाघ मिले थे जिनकी संख्या बढ़कर 216 हो चुकी है और देश के 8 राज्यों के मुकाबले तराई भाबर के इन जंगलों में बाघों की संख्या काफी अधिक है। वेस्टर्न सर्किल के तहत हल्द्वानी, तराई केंद्र, तराई पूर्वी, तराई पश्चिमी व रामनगर डिवीजन का जंगल आता है जहां बाघों का रहना काफी सुरक्षित माना जाता है।वन विभाग की नजर में यह सर्किल व्यवसायिक दृष्टि से भी काफी लाभकारी है क्योंकि राजस्व जुटाने के मामले में यह अधिकांश बार राज्य में अव्वल रहा है। एक वर्ष में 300 करोड़ तक भी इन डिवीजनों ने कमाई की है। माना जा रहा है कि इन जंगलों के अंदर अब बाघों ने अपना सुरक्षित आशियाना बना लिया। यहां बाघ काफी अधिक सुरक्षित है।
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