
उत्तराखंड राज्य में विद्यार्थियों को हिंदी विषय को हल्के में लेना काफी भारी पड़ गया। इंटरमीडिएट में 1924 छात्र और 925 छात्राएं तथा हाई स्कूल के 2387 छात्र और 1195 छात्राएं हिंदी विषय में फेल हुए हैं। हजारों बोर्ड परीक्षार्थियों का इस बार हिंदी विषय में भी रिजल्ट रुक गया है विशेषज्ञों का कहना है कि हिंदी विषय के प्रति छात्र-छात्राओं की रुचि कम हो गई है और इस विषय को विद्यार्थी गंभीरता से नहीं लेते। हिंदी में 33% अंक लाना भी विद्यार्थियों के लिए काफी मुश्किल साबित हो रहा है यही वजह है कि इस बार 6431 विद्यार्थी हिंदी विषय के चलते फेल हुए हैं। हिंदी विषय में 33 प्रतिशत अंक लाना अनिवार्य है और इसमें ग्रेस भी नहीं मिलता इसलिए छात्र हिंदी विषय में हार गए।
