
उत्तराखंड ई-राष्ट्रीय कृषि बाजार में देश का पहला राज्य बन गया है| अब तक राज्य की 20 फल-सब्जी मंडी ई-राष्ट्रीय कृषि बाजार से जुड़ चुकी है| 9 हजार किसानों को योजना में पंजीकृत किया गया है और 128 करोड़ का कारोबार किया गया है|
दरअसल, केंद्र सरकार ने 2017 में किसानों को उपज का सही मूल्य दिलाने और बिचौलियों की भूमिका को खत्म करने के लिए ई-राष्ट्रीय कृषि बाजार योजना शुरू की| इससे जुड़ने वाली मंडी को केंद्र सरकार आधारभूत सुविधाएं और अवस्थापना विकास के लिए 70 लाख की धनराशि दे रही है| जिसमें इंटरनेट लीज लाइन, कंप्यूटराइजेशन, प्रयोगशाला, नीलामी कक्ष समेत अन्य कार्य शामिल है| ई-नाम योजना से किसान अपनी उपज को ऑनलाइन नीलामी के जरिए देश के किसी भी मंडी के आढ़ती को बेच सकता है| उत्पाद की गुणवत्ता जांच के लिए मंडियों में टेस्टिंग लैब बनाई गई है|
बता दें, सर्वप्रथम 2017 में उत्तराखंड की पांच मंडी हरिद्वार, काशीपुर, किच्छा, सितारगंज, गदरपुर से इस योजना की शुरुआत हुई थी| इसके बाद 2018 में 11 मंडियों को इसमें शामिल किया गया| अब कुल 23 में से 20 फल-सब्जी मंडियां ई-नाम में शामिल हो गई है| ई मंडी बनाने में उत्तराखंड देश का पहला राज्य है| अब तक 9 हजार किसान और 5455 व्यापारियों को पंजीकृत किया गया| इन पंजीकृत किसानों ने 128 करोड़ का कारोबार किया है| बता दे इन्हे डिजिटल माध्यम से ही भुगतान किया गया है|


