उत्तराखंड राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का कहना है कि व्यक्ति के हाथ में शास्त्र के साथ-साथ शस्त्र होना भी जरूरी है। हर व्यक्ति को अपनी कौम के लिए आगे रहना चाहिए क्योंकि जो व्यक्ति अपने देश और कौम की चिंता नहीं करता उसका पतन हो जाता है। उन्होंने कहा कि शास्त्र हमारे धर्म के मार्गदर्शक हैं लेकिन धर्म और देश की रक्षा के लिए शस्त्र भी आवश्यक है। इसलिए एक हाथ में शास्त्र और दूसरे हाथ में शस्त्र काफी आवश्यक है। उन्होंने यह बात नकरौंदा में स्थित क्षत्रिय कल्याण समिति के नवनिर्मित सामुदायिक भवन के उद्घाटन के अवसर पर कही और समाज से आवाहन करते हुए उन्होंने कहा कि कौम की रक्षा के लिए हमें हमेशा सजग रहना चाहिए और अपने धर्म के कमजोर लोगों की मदद के लिए तत्पर रहना चाहिए। वर्तमान समय में हम लोग संगठन तो बना लेते हैं लेकिन उसमें मतभेद पैदा हो जाते हैं और वे संगठन अकाल मृत्यु के कारण बन जाते हैं इसलिए किसी ठोस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए ही संस्थाओं और संगठनों का गठन होना चाहिए और उसमें रहकर हमें समर्पित होकर कार्य करना चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने क्षत्रिय कल्याण समिति के उन पदाधिकारियों को बधाई दी जिन्होंने इस सामुदायिक भवन के निर्माण के लिए भूमि दान की है और आर्थिक सहयोग दिया है।
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