उत्तराखंड राज्य के चंद्रबनी स्थित नशा मुक्ति केंद्र में एक युवक की मौत होने के बाद स्टाफ उसे घर के बाहर छोड़ गया तथा मृतक के दोनों हाथ टूटने और शरीर पर चोट लगने से क्षेत्र में हंगामा मच गया है। चंद्रबनी नशा मुक्ति केंद्र में 24 वर्षीय युवक की मौत हो गई और बताया जा रहा है कि युवक पिछले माह से आराध्या फाउंडेशन में भर्ती था। मृतक के शव पर चोटों के निशान हैं। क्लेमेंटाउन पुलिस ने नशामुक्ति केंद्र के कर्मचारियों से पूछताछ भी शुरू कर दी है। स्वजनों का कहना है कि शरीर पर चोटों के निशान दिख रहे हैं और मृतक के हाथ- पांव बुरी तरह से तोड़े हुए हैं। स्वजनों ने मृतक के शव को कमरे में बंद कर हंगामा शुरू कर दिया मौके पर पहुंची पुलिस टीम से स्वजनों ने मांग की है कि आरोपितों को यहां पर लाया जाए और डीएम नशा मुक्ति केंद्र को बंद करवाएं। मृतक का नाम सिद्धार्थ हैं और उसकी बहन गुंजन ने बताया कि मंगलवार की सुबह 7:00 बजे वह अपने घर में सो रहे थे इसी दौरान अचानक एक कार आई और उनके भाई को घर के बाहर फेंक कर चली गई। जब वह सिद्धार्थ को अंदर लेकर गए तो उसकी सांसे नहीं चल रही थी और उसके हाथ पैर भी तोड़े हुए थे तथा पीठ और शरीर के निचले हिस्से में भी चोटों के निशान दिख रहे हैं। स्वजनों का कहना है कि नशा मुक्ति केंद्र वाले ना ही सिद्धार्थ से मिलने देते थे और ना ही फोन पर बात करने देते थे। उसकी मौत के बाद स्वजनों ने नशा मुक्ति केंद्र वालों के खिलाफ कार्यवाही की मांग की है।
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