नैनीताल। इस दौरान जाड़े के दिनों में पहाड़ी क्षेत्रों में काफी ठंड रहती हैं। तथा आजकल नैनीताल और उसके आसपास के इलाके में तो तापमान काफी गिर जाता है जिस कारण ठंड में भारी इजाफा होता है और यह काफी शर्मिंदगी का विषय है कि इतनी कड़ाके की ठंड में स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही के कारण एक महिला को सड़क में बच्चे को जन्म देना पड़ा। दरअसल आज सुबह नैनीताल जिला मुख्यालय से 10 किलोमीटर दूर भूमियाधार निवासी एक महिला को सुबह 9:00 बजे प्रसव पीड़ा शुरू हुई जिसके बाद एंबुलेंस को बुलाया गया मगर एक घंटा इंतजार करने के बाद भी एंबुलेंस वहां पर नहीं पहुंची। और गर्भवती को परिजन खुद ही अस्पताल ले जाने लगे मगर सड़क तक पहुंचने पर महिला की प्रसव पीड़ा इतनी बढ़ गई कि महिला ने सड़क पर ही बच्चे को जन्म दे दिया।
गांव की आशा हंसी टम्टा ने बताया की गर्भवती महिला भूमियाधार निवासी मनोज आर्य की पत्नी निर्मला आर्य है। तथा जब उसे प्रसव पीड़ा शुरू हुई तो उसने आशा को फोन किया और वह गर्भवती के घर पहुंच गई जिसके बाद एंबुलेंस को फोन किया गया लेकिन एक घंटा बीत गया एंबुलेंस फिर भी नहीं आई। तथा तभी वहां के सामाजिक कार्यकर्ता पंकज बिष्ट अपने निजी कार्य से बाजार जा रहे थे तभी उन्होंने सड़क पर देखा कि कुछ महिलाएं खड़ी है जब उन्होंने पास जाकर देखा तो एक महिला ने सड़क पर ही बच्चे को जन्म दे दिया था। जिसके बाद वे महिला और उसके नवजात बच्चे को सीएचसी भवाली लाए। वहां पर उपचार के बाद महिला को हल्द्वानी रेफर कर दिया गया।
तथा वहां पर एंबुलेंस ने समय पर ना पहुंचने का कारण टायर पंक्चर होना बताया। मगर वहां के डॉक्टर्स का कहना था कि टायर पंचर होना कोई बहाना नहीं होता क्योंकि यदि ऐसा होता तो कंपनी को उसके बदले कोई वैकल्पिक व्यवस्था करनी चाहिए थी। और यह पहला केस नहीं है कि जिसमें ऐसा हुआ हो ऐसे पहले भी बहुत सारे केस आ गए हैं जिसमें एंबुलेंस समय पर नहीं पहुंच पाती लेकिन फिर भी स्वास्थ्य विभाग कंपनी पर कार्यवाही नहीं करता।