मो. तारिक निवासी बरेली ने अपने ही 3 साल के मासूम बेटे शावान की पानी में डुबोकर हत्या कर दी। दरअसल शावान बचपन से ही हीमोफीलिया बीमारी से ग्रसित था जिसका इलाज हल्द्वानी में चल रहा था तथा शावान के इलाज में तारिक को काफी कर्जा भी हो गया था। अपने बच्चे का इलाज कराने के लिए तारिक ने अपनी पत्नी आयशा के सारे जेवर भी भेज दिए थे और अपनी पैतृक भूमि का कुछ हिस्सा भी भेज दिया था तथा तारिक के पास जो ट्रक था शावान के इलाज के चलते उसकी किस्त भी तारिक नहीं दे पा रहा था। आर्थिक तंगी के कारण तारिक काफी परेशान था तथा बीते दो-तीन दिन पहले हल्द्वानी से डॉक्टर ने शावान के कुछ टेस्ट के लिए तारिक को दिल्ली जाने के लिए कहा जिसमें काफी पैसा भी लगना था।
आर्थिक तंगी से परेशान तारिक ने अपने ही बेटे को मारने की योजना बनाई अपनी योजना के तहत तारिक अपने बच्चे को अपने पैतृक गांव ढकिया ले गया तथा वहां पर अपने खेत के नजदीक की नहर में उसने अपने बेटे को डूबाकर उसकी हत्या कर दी। और घर लौटने पर जब आयशा ने अपने बेटे के बारे में पूछा तो उसके पति ने बोला कि वह घर के बाहर ही उसे छोड़ कर गया था। तभी आयशा और सभी पड़ोसी मिलकर शावान को ढूंढने लग गए मगर देर रात तक ना मिलने पर पड़ोसियों ने पुलिस में रिपोर्ट दर्ज करवाने के लिए दबाव बनाया तभी इस मामले को लेकर पुलभट्टा पुलिस में रिपोर्ट लिखवाई गई।
पुलिस ने जांच के तहत सीसीटीवी कैमरा को खंगाला तो पुलिस ने पाया कि सीसीटीवी के द्वारा मिली जानकारी और तारिक के बयानों में काफी फर्क है तभी पुलिस को इस बात को लेकर तारीख पर शक होने लग गया। क्योंकि सीसीटीवी कैमरे में होटल से निकलने वक्त तो शावान तारीख के साथ ही था मगर वापस लौटते वक्त किच्छा बहेड़ी रोड पर लगे कैमरे में तारिक अकेला वापस लौटता हुआ दिखा। उसके बाद पुलिस को शावान की हत्या की खबर मिली तो पुलिस ने तारीख से सख्ती से पूछताछ करना शुरू कर दिया। जिसके बाद तारीख ने सारा सच उगल दिया। पुलिस ने तारिक को गिरफ्तार कर लिया है तथा इस मामले में पुलिस आगे की कार्यवाही कर रही हैं। मगर इस सब में सबसे ज्यादा दुख शावान कि मां आयशा को पहुंचा है।