उत्तराखंड राज्य में बाल आयोग ने सरकार को पत्र भेजा है और बाल आयोग का कहना है कि कुछ अल्पसंख्यक स्कूलों में शिक्षा प्रणाली पर बड़ा निर्णय लेने की जरूरत है। चिल्ड्रन होम शिक्षण संस्थानों के नाम पर धर्मांतरण किया जा रहा है जो कि चिंताजनक विषय है और साथ में यह भी कहा कि जो भी स्कूल और मदरसे नियम तोड़ेंगे उनके खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जाएगी और इसी के चलते उत्तराखंड बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने मुख्य सचिव को पत्र भेजा है और जिन शिक्षण संस्थान उसे लगातार शिकायतें आ रही है उनमें अल्पसंख्यक धर्म के आधार पर चल रहे स्कूलों की भी निष्पक्ष जांच होने चाहिए। साथ में आयोग का कहना है कि कुछ स्कूल और मदरसो के नाम पर सरकारी अनुदान का दुरुपयोग हो रहा है तथा बच्चों का शोषण हो रहा है और अभिभावकों से मोटी रकम ली जा रही है इसका एक ताजा उदाहरण भगवानपुर के एक स्कूल में तीसरी कक्षा के छात्र की मौत है। बाल आयोग का कहना है कि अल्पसंख्यक स्कूलों में शिक्षा प्रणाली में सुधार होना जरूरी है क्योंकि शिक्षण संस्थानों में धर्मांतरण चिंताजनक विषय है। आयोग का कहना है कि उच्च स्तरीय कमेटी बनाकर स्कूलों की संपत्ति जमीन का प्रयोजन मान्यता से जुड़े दस्तावेजों का लेखा- जोखा सरकार अपने पास रखें ताकि भविष्य में यदि किसी भी स्कूल या मदरसे में अनियमितता देखी जाती है तो उस पर अंकुश लगाया जाएगा।
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