उत्तराखंड राज्य में अगले 5 वर्षों तक आयुष सेवाओं को जन-जन तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है। बता दे कि प्रदेश की आयुष नीति में आयुष पारिस्थितिकी तंत्र के पांच स्तंभ भी इसके लिए चिन्हित कर दिए गए हैं। इनमें औषधि पादपो के कृषि, आयुष विनिर्माण, स्वास्थ्य सेवाएं, वैलनेस व शिक्षा तथा अनुसंधान को शामिल किया गया है और इसका उद्देश्य यह रखा गया है कि इन क्षेत्रों में निवेश व निजी क्षेत्र की भागीदारी को बढ़ाया जाए और कैबिनेट ने इस नीति को मंजूरी प्रदान कर दी है। प्रदेश सरकार आयुष को लगातार बढ़ावा दे रही है क्योंकि आयुष यहां की संस्कृति और परंपरा का महत्वपूर्ण हिस्सा रहा है।इसमें स्वास्थ्य सेवाएं, वैलनेस ,शिक्षा एवं अनुसंधान के क्षेत्र में कार्य करने की अपार संभावनाएं भी हैं तथा उत्तराखंड राज्य में औषधीय पादप व औषधीयो की कोई कमी नहीं है। बीते शुक्रवार को इस प्रस्ताव को मंत्रिमंडल की बैठक में रखा गया जिसे मंजूरी दे दी गई है। बता दे कि आयुष संबंधी उत्पादों तथा सेवाओं में सुधार के लिए आयुष पारिस्थितिकी तंत्र में राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय मानको का पालन सुनिश्चित किया जाएगा और उत्पादन प्रक्रिया में दक्षता, उत्पादकता तथा जागरूकता वृद्धि के लिए प्रौद्योगिकी व नवाचार को भी प्रोत्साहन दिया जाएगा।
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