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उत्तराखंड राज्य में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सरकार द्वारा घोषणा की गई है कि राज्य में 855 सरकारी सेवाए तय समय सीमा पर ही मिलेंगी। देरी होने पर सेवा का अधिकार के तहत जुर्माना लगाया जाएगा। सरकारी सेवाओं में देरी होने पर अब जुर्माना लगेगा। उत्तराखंड सरकार ने इसके लिए तैयारियां पूर्ण कर ली है। बता दें कि उत्तराखंड में सेवा का अधिकार संशोधन अधिनियम लागू हो गया है इससे जनता को सरकारी सेवाएं मिलने में देरी नहीं होगी और जो भी अफसर जनता को सेवाएं देने में देरी करेगा उस पर जुर्माना लगाया जाएगा। इस बात का अधिकार आयोग को मिल चुका है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सरकार ने जनता से जुड़े प्रमुख सेवाओं को समयबद्ध रूप से दिलाने और भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिए गैरसैण बजट सत्र में संशोधित अधिनियम पेश किया था और इसे राजभवन से मंजूरी मिलने के बाद विधायी विभाग में इसका नोटिफिकेशन जारी कर दिया है तथा राज्य में अब यह संशोधित अधिनियम लागू होगा। सरकार ने विभिन्न विभागों की 855 सेवाएं सेवा का अधिकार आयोग के अधीन की है जिसके लिए समय सारणी भी तय कर दी गई है। इसके तहत यदि विभाग के अधिकारी ने समय पर सेवाएं नहीं दी तो जनता संबंधित विभाग के नामित अफसर के पास अपील कर सकती है और आयोग को अधिकारी पर जुर्माना लगाने का अधिकार होगा। आयोग न्यूनतम 500 और अधिकतम ₹5000 तक का जुर्माना लगा सकता है तथा जनता को इस योजना से काफी लाभ मिलेगा।
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