उत्तराखंड राज्य में बाघों की मौत में इस साल 62% की कमी आई है। नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी के अनुसार इस साल अब तक राज्य में केवल 8 बाघों की मौत हुई है और आखिरी बाघ की मौत का मामला सितंबर में सामने आया था। पिछले साल की तुलना में इस बार 61.5% बाघों की मौत में कमी आई है और इस साल शिकार का कोई भी मामला रिपोर्ट नहीं किया गया है। उत्तराखंड राज्य में बाघ काफी अच्छी संख्या में है और पिछले वर्ष लगातार बाघों की मौत के मामले सामने आ रहे थे मगर इस बार काफी कम मात्रा में बाघों की मौत के मामले सामने आए हैं जो कि काफी अच्छी खबर है। बीते वर्ष प्रदेश में बाघों की मौत का आंकड़ा 21 तक पहुंच गया था । प्राकृतिक मौत के अलावा शिकार के मामले भी सामने आए कुमाऊं में तीन बाघ की खाल जुलाई और सितंबर में बरामद की गई जिसमें से जुलाई में बाघ की बरामद हुई ख़ाल की लंबाई 11 फीट तक रही मगर इस बार यह काफी राहत की खबर है कि अभी तक बाघों की मौत के केवल 8 मामले इस वर्ष सामने आए हैं और राज्य में 2012 से 2024 तक के आंकड़ों पर नजर डालें तो इस दौरान 12 सालों में 132 बाघों की मौत हुई है।
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