Uttarakhand -: राज्य में यहां दो बेटों के साथ दसवीं की परीक्षा देने पहुंची 40 वर्षीय गुड्डी

चमोली| पढ़ने की कोई उम्र नहीं होती इस बात को साबित करती है गुड्डी देवी, जिन्होंने आठवीं के बाद पारिवारिक कारणों से पढ़ाई नहीं की और फिर शादी के बाद घर-गृहस्ती में ऐसी फस गई कि 20 साल तक उसने पढ़ाई के बारे में कुछ नहीं सोचा|


लेकिन किताबों को देखकर उसकी आंखों में उभरती चमक को उसके बेटों ने महसूस किया और उसे पढ़ाई के प्रति प्रोत्साहित किया| उन्होंने अपने साथ अपनी माता को भी तैयारी करवाई|


अब गुड्डी उत्तराखंड बोर्ड की हाईस्कूल की परीक्षा दे रही है|
गुड्डी का कहना है कि, हिंदी का पहला पेपर अच्छा गया है| 21 मार्च को विज्ञान का पेपर है, जिसकी पूरी तैयारी है|


वह अपने बेटों के साथ ही परीक्षा दे रही है|
बता दे कि भेटी गांव निवासी गुड्डी देवी पत्नी शिवलाल ने अपने मायके थराली ब्लॉक के रत गांव में आठवीं की परीक्षा वर्ष 1996 में पास की और फिर शादी हो गई पारिवारिक जिम्मेदारियों के चलते वह अपनी पढ़ाई को जारी नहीं रख पाई| दो बेटे अंकुश और अंशुल है|
गुड्डी का कहना है कि बेटे बड़े हुए तो उन्होंने मुझे फिर से पढ़ाई शुरू करने के लिए प्रेरित किया| शुरू में मैंने इस बात पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया लेकिन बच्चे लगातार मुझे प्रेरित करते रहे जिसके बाद उन्होंने इस साल दसवीं की परीक्षा के लिए आवेदन किया|
बच्चे अपनी पढ़ाई के साथ मुझे भी तैयारी करवाते रहे| उन्होंने अपने साथ मुझे भी पढ़ाया| पति ने भी मेरा पूरा सहयोग किया| जिसके चलते आज दसवीं की परीक्षा दे पा रही है|
उनका बड़ा बेटा अंशुल भेटवाल(18) इंटरमीडिएट और छोटा बेटा अंकुश भेटवाल (17 साल) दसवीं की परीक्षा दे रहा है| इनका परीक्षा केंद्र नंदनगर के राजकीय आदर्श इंटर कॉलेज बांजबगड़ में है| वर्तमान में गुड्डी मिनी आंगनबाड़ी भेंटी में भी काम कर रही है|