
नैनीताल| हाईकोर्ट ने नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ओपन स्कूलिंग (एनआईओएस) से डिप्लोमा इन एलीमेंट्री एजुकेशन (डीएलएड) प्रशिक्षण प्राप्त अभ्यर्थियों को अंतिम रूप से राहत प्रदान की है| कोर्ट ने अभ्यार्थियों को राजकीय प्राथमिक विद्यालयों में सहायक अध्यापक के पदों पर नियुक्ति प्रक्रिया में शामिल करने के आदेश पारित कर दिए हैं|
शिक्षा विभाग के 10 जनवरी 2021 के शासनादेश को भी कोर्ट ने निरस्त कर दिया है| इस आदेश से प्रदेश के करीब 35 हजार अभ्यार्थियों को लाभ मिलेगा| इसके अलावा मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति विपिन सांघी व न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की खंडपीठ ने कुल 350 याचिकाकर्ताओं को दो-दो हजार रुपये के हिसाब से हर्जाना देने का आदेश सरकार को दिया|
बताते चलें कि नैनीताल हाईकोर्ट में याचिका दायर कर राज्य सरकार के 10 फरवरी 2021 के शासनादेश को चुनौती दी गई थी| याचिका में कहा गया था कि उन्होंने 2019 में एनआईओएस से डीएलएड प्रशिक्षण प्राप्त किया है| इस डिग्री को मानव संसाधन मंत्रालय भारत सरकार व नेशनल काउंसलिंग फॉर टीचर्स एजुकेशन (एनसीटीई) से मान्यता दी गई है|
16 दिसंबर 2020 को मानव संसाधन मंत्रालय, 6 जनवरी 2021 को एनसीटीई व 15 जनवरी 2021 को शिक्षा सचिव ने उन्हें सहायक अध्यापक प्राथमिक में शामिल करने को कहा| लेकिन राज्य सरकार ने 10 फरवरी 2021 को यह कहकर उन्हें काउंसलिंग से बाहर कर दिया कि सरकार के पास कोई स्पष्ट गाइडलाइन नहीं है| जबकि इससे पहले याचिकाकर्ताओं के समस्त शैक्षणिक प्रमाण पत्र जमा किए जा चुके थे| सहायक अध्यापक के 2648 पदों पर भर्ती प्रक्रिया गतिमान है| इसलिए उन्हें इसमें शामिल किया जाए|
