Uttarakhand- 2015 बैच के दरोगाओं की हो सकती है गिरफ्तारी…….. विजिलेंस ने शासन से मांगी एफआईआर की मंजूरी

उत्तराखंड राज्य में बीते साल 2015 बैच के दरोगाओं के ऊपर अब गिरफ्तारी की आंच भी आ सकती है। जी हां इस मामले में जांच करने के दौरान विजिलेंस द्वारा आरोपित दरोगाओं पर एफ आई आर की इजाजत शासन से मांगी गई है और जैसे ही इस मामले में शासन द्वारा गिरफ्तारी की इजाजत मिलती है वैसे ही विजिलेंस द्वारा गिरफ्तारियां शुरू कर दी जाएंगी। बता दें कि दरोगा भर्ती घोटाले में पुलिस की छवि भी धूमिल हुई है इस मामले में किसी भी अधिकारी ने दिलचस्पी नहीं दिखाई कि काम नहीं करने वाले दरोगा के ऊपर कार्यवाही की जाए और इन दरोगाओं से हमदर्दी बनाए रखी। लेकिन अब स्पेशल टास्क फोर्स की जांच में इस मामले से पर्दा हट चुका है और विजिलेंस की रडार पर 2015 बैच के 339 दरोगा है जिसमें 120 कुमाऊं के दरोगा भी शामिल हैं।

कुमाऊं परिक्षेत्र विजिलेंस ने इस मामले में जांच शुरू कर दी है बता दें कि विजिलेंस सीएम की अगुवाई में अपना कार्य करती है इसलिए अनुमति मिलना काफी जरूरी है और यदि शासन से अनुमति मिल जाती है तो गिरफ्तारी शुरू हो जाएंगी। बता दें कि रिश्वतखोरी के मामले में कुमाऊं काफी आगे चल रहा है विजिलेंस द्वारा वर्ष 2022 में सबसे अधिक 6 राजपत्रित अधिकारी व कर्मचारियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। उत्तराखंड राज्य में 1979 में विजिलेंस का अस्तित्व सामने आया था।