Uttarakhand -: 200 लोगों की हत्याएं, 1,000 सड़क हादसे, जानिए क्या बोले डीजीपी अशोक कुमार?

देहरादून| उत्तराखंड में हर साल औसतन 200 लोगों की हत्याएं होती है, और करीब 1,000 लोग सड़क हादसे में अपनी जान गवा देते हैं| यह कहना है डीजीपी अशोक कुमार का| वह सहस्त्रधारा रोड पर पीएचडी चेंबर ऑफ कॉमर्स और एसडीसी फाउंडेशन के चौथे वॉव पॉलिसी डायलॉग में ‘उत्तराखंड में सड़क दुर्घटनाएं’ विषय पर बोल रहे थे| कार्यक्रम में जीडीपी ने इस पर चिंता जाहिर की और कहा कि राज्य भर में सड़क दुर्घटना का एक बड़ा कारण सड़कों पर दिन प्रतिदिन बढ़ता ट्रैफिक का दबाव है| उन्होंने ड्रंक एवं ड्राइव, ओवरस्पीड और ओवर लोडिंग को भी दुर्घटनाओं का कारण कहा| उन्होंने कहा सड़क हादसों की रोकथाम के लिए हमारे पास पॉलिसी तो है लेकिन उनका क्रियान्वयन नहीं हो पा रहा है|


इसी कार्यक्रम में मौजूद एम्स ट्रामा सेंटर के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ मधुर उनियाल ने कहा कि सड़क दुर्घटनाओं में उत्तराखंड में कामकाजी लोगों की सबसे ज्यादा मौत हो रही है| हम ओवरस्पीड और ड्रंक एवं ड्राइव तक ही सीमित रहते हैं| जबकि हादसे की कई और कारण भी होते हैं| खासकर उन्होंने रोड इंजीनियरिंग का जिक्र किया और कहा कि हादसे रोकने के लिए सड़कों की बनावट पर भी ध्यान देना चाहिए| उन्होंने कहा कि देश के कई हिस्सों में जीरो फैसिलिटी कोरिडोर बन रहे हैं| उत्तराखंड में भी ऐसे कोरिडोर की जरूरत है|