उत्तराखंड राज्य में चार धाम यात्रा शुरू होने के बाद 15 घोड़ा और खच्चरों की मौत हो चुकी है और इन सभी की मौत जानकीचट्टी के आसपास हुई है, इस बात की जानकारी पशु चिकित्सकों से मिली है। इन्हें पशु विभाग की टीम ने पहले ही अनफिट करार दिया था और इसलिए इन्हें यमुनोत्री धाम जाने की अनुमति नहीं मिली तथा उचित उपचार और देखरेख ना मिलने के कारण इन अनफिट घोड़ा और खच्चरो की मौत हुई है। बीते 22 अप्रैल को गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खोले गए थे तथा धाम की यात्रा के लिए जानकीचट्टी से धाम तक 5 किलोमीटर पैदल रास्ते पर डंडी- कंडी और घोड़ा- खच्चर का संचालन किया जाता है तथा यहां पर इस बार 4050 घोड़े और खच्चरों का पंजीकरण किया गया है। पशु विभाग की ओर से जांच में फिट पाए गए घोड़ा – खच्चरों को ही अनुमति दी जा रही है मगर जिन्हें पशु पालन विभाग ने अनफिट बता दिया है उन्हें भी यात्रा के दौरान यात्रियों को ले जाने के लिए प्रयोग किया जा रहा है तथा सही उपचार नहीं मिल पाने के कारण और उचित देखरेख न होने के कारण अब तक करीब 15 घोड़े और खच्चरों की मौत हो चुकी है। इन घोड़े और खच्चरों को पहले ही पशुपालन विभाग ने अनफिट बता दिया था इसलिए यात्रियों को सावधानी से घोड़ा और खच्चरों की बुकिंग करने के लिए कहा गया है।
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