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अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की परीक्षाओं में धांधली की जांच कर रही एसटीएफ के शिकंजे में फंसे पूर्व आईएफएस अफसर आरबीएस रावत को आयोग की सबसे पहले बागडोर हरीश रावत सरकार में ही सौंपी गई थी| आयोग से विदा होने के बाद भी ग्राम पंचायत विकास अधिकारी (वीपीडीओ) भर्ती परीक्षा में धांधली के आरोप आरबीएस रावत का पीछा करते रहे|
इसके बावजूद भी उन्हें पूर्व भाजपा सरकार में तत्कालीन मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने अपना मुख्य सलाहकार बना दिया| तब चर्चा यही थी कि रावत को आरएसएस का वरदहस्त है लेकिन यह भी उतना ही सच है कि हरीश राज से लेकर तीरथ राज के बाद तक आरबीएस रावत का बाल बांका नहीं हो सका| स्नातक स्तरीय परीक्षा के पेपर लीक मामले की एसटीएफ जांच में जब परतें खुलने लगी तो आरबीएस रावत के कार्यकाल की वीपीडीओ भर्ती में हुए गड़बड़झाले की कलई भी खुल गई|
मिली जानकारी के अनुसार, ग्राम पंचायत विकास अधिकारी परीक्षा धांधली में गिरफ्तार हुए आयोग के पूर्व अध्यक्ष डॉ. आरबीएस रावत की संपत्ति की भी जांच होगी| इसके लिए एसटीएफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को पत्र लिखेगी|
एसटीएफ के अनुसार, कई अभ्यर्थी और आयोग के अधिकारियों, कर्मचारियों के बयानों के बाद डॉ. आरबीएस रावत की गिरफ्तारी की गई| कहा जा रहा है कि 100 लोगों से पूछताछ के बाद रावत की गिरफ्तारी हुई है|
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