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देहरादून| यूकेएसएसएससी पेपर लीक मामले में अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई हो गई है| आरएमएस कंपनी लखनऊ का मालिक राजेश चौहान को पेपर लीक करने और केंद्रपाल व अन्य के माध्यम से सौदा करने के साक्ष्य के आधार पर एसटीएफ उत्तराखंड ने गिरफ्तार कर लिया है|
इस मामले में अब तक 25 लोग गिरफ्तार हो चुके हैं| इससे पहले हाकम सिंह रावत को एसटीएफ टीम धामपुर भी ले गई| वहां उसे कई घंटे पूछताछ हुई| अब उसके धामपुर निवास साथी केंद्रपाल पर भी शिकंजा कसने की तैयारी है| कहा जा रहा है कि उससे भी पूछताछ की गई| हालांकि एसटीएफ ने उसकी पुष्टि नहीं की है|
हाकम सिंह रावत की 3 दिन की पुलिस कस्टडी रिमांड हासिल करने के बाद एसटीएफ ने पूछताछ की| पहले उससे एसटीएफ कार्यालय में पूछताछ हुई और उसके बाद सांकरी स्थित उसके गेस्ट हाउस ले जाया गया| यहां कई दस्तावेज और साथियों को इकट्ठा किया गया फिर उसे धामपुर बिजनौर ले जाया गया| जहां उसके कई साथी भी रहते थे| उसने नकल का सेंटर भी धामपुर में एक मकान को बनाया था| एसटीएफ उसे पूछताछ के लिए इस मकान में भी लेकर गई है|
अब सवाल यह उठ रहा है कि, जिस कंपनी को आयोग ने पेपर छपवाने का ठेका दिया था, उसी का मालिक जब गिरफ्तार हो गया है तो क्या पूर्व में आयोजित भर्तियों की जांच के लिए सीबीआई जरूरी नहीं है?
इधर, उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग परीक्षा के पेपर लीक मामले की जांच सीबीआई से कराने की सवाल उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि, सभी विकल्प खुले हैं| राज्य की एजेंसी जांच कर रही है| यदि कोई कमी मिलती है तो, अन्य विकल्प खुले हैं| उन्होंने पुलिस को जांच में और अधिक तेजी लाने के निर्देश दिए हैं| सरकार इस मामले में बेहद साफ दिख रही है| घोटाले की पुनरावृत्ति न हो, इसके लिए हर प्रयास किए जा रहे हैं और कठोर कदम उठाए जा रहे हैं|
सीएम धामी ने कहा कि सरकार परीक्षाओं का अहित नहीं होने देगी| जिन लोगों ने हमारे बेटे-बेटियों के भविष्य से खिलवाड़ करने की कोशिश की है, उन्हें किसी भी सूरत में नहीं छोड़ा जाएगा|
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