नैनीताल हाईकोर्ट ने यूकेएसएसएससी पेपर लीक करने के आरोपी और लखनऊ की आरएमएस कंपनी के निदेशक राजेश कुमार चौहान के अंतरिम जमानत प्रार्थना पत्र पर उन्हें 7 दिन की शार्ट टर्म जमानत दी|
उन्हें मानवता के आधार पर पत्नी के इलाज के लिए शॉर्ट टर्म में जमानत दी गई है| यह सुनवाई वेकेशन जज न्यायमूर्ति शरद कुमार शर्मा की एकलपीठ में हुई| बता दें कि 27 अगस्त 2022 को राजेश कुमार को एसटीएफ ने गिरफ्तार किया गया था| उन पर आरोप था कि उन्होंने यूकेएसएसएससी जिसमें सचिवालय और वीडियो भर्ती परीक्षा का पेपर लीक करवाया था|
उनकी जमानत प्रार्थना पत्र सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट में उनके अधिवक्ता नारायण हर गुप्ता ने कोर्ट को बताया कि राजेश चौहान f.i.r. में नामजद अभियुक्त नहीं थे| यदि आरएमएस कंपनी के कर्मचारियों ने कोई गलती की है तो उसके लिए कंपनी के डायरेक्टर राजेश कुमार चौहान को प्रतिनियुक्त रूप से उत्तरदायी नहीं ठहराया जा सकता, लेकिन एसटीएफ उत्तराखंड ने 161 के बयानों के आधार पर उन्हें आरोपी बताया था| फिलहाल कोर्ट ने राजेश कुमार के अंतरिम जमानत प्रार्थना पत्र पर उन्हें 7 दिन की शार्ट जमानत दे दी है|