देश में अब 300 तरह की दवाएं बिना qr-code के नहीं बेची जाएंगी| केंद्र सरकार ने पिछले वर्ष यह अधिनियम जारी करते हुए फार्मा कंपनियों को 1 जुलाई तक का समय दिया था, जो अब खत्म हो गया है| नया नियम न सिर्फ स्वदेशी बल्कि विदेशी दवा कंपनियों के लिए भी लागू होने हैं| इनके तहत अब दवा के पैकेट पर एक क्यूआर कोड होगा| जिसमें 7 अहम जानकारियां – दवा का सामान्य नाम, ब्रांड का नाम, निर्माता का नाम और पता, बैच संख्या, निर्माण की तारीख, एक्सपायरी डेट और विनिर्माण लाइसेंस संख्या बतानी जरूरी है| जिन दवाओं पर क्यूआर कोड नहीं होगा उन्हें नकली समझा जाएगा|
इन दवाओं में दर्द, बुखार, प्लेटलेट, शुगर, गर्भनिरोधक दवा विटामिन सप्लीमेंट्स, थायराइड आदि की दवाएं शामिल है|
जानकारी के मुताबिक, 17 नवंबर 2022 से सरकार ने 300 तरह की दवाओं पर qr-code को अनिवार्य किया हालांकि बाजार में नए स्टॉक को लाने के लिए सरकार ने 31 जुलाई 2023 तक की मोहलत दी थी, जो अब पूरी हुई है| इन दवाओं के निर्माता स्वदेशी या फिर विदेशी कंपनियां हो, सभी को अपनी दवाओं पर क्यूआर कोड लगाना अनिवार्य होगा ताकि ग्राहक इन दवाओं के बारे में जानकारी प्राप्त कर सके|