
देहरादून। पहले यूकेएसएसएससी और अब लगातार एक के बाद एक भर्ती घोटाले सामने आ रहे हैं, ताजा मामला विधानसभा में बैक डोर एंट्रीओं का है ऐसे में सत्ता पक्ष हो या विपक्ष अपनी अपनी पोल खुलने के डर से शांत बैठा है लेकिन एक विधायक है जो अकेले युवाओं के हित के लिए पूरे प्रशासन से पूरे तंत्र से लड़ने को तैयार है हम बात कर रहे हैं हरिद्वार के खानपुर से निर्दलीय विधायक उमेश कुमार की।उमेश कुमार 2022 विधानसभा चुनाव में खानपुर से भाजपा के बड़बोले बाहुबली नेता Pranav Kumar champion को हराकर निर्दलीय विधायक के तौर पर विधानसभा पहुंचे थे।
उमेश कुमार ने अपनी एक फेसबुक पोस्ट में कहा है कि यही नियति हो गई है उत्तराखंड की… पली अपडा लगोलु रे (पहले अपने लोगो को नौकरियों में फिट करूँगा) प्रदेश के युवाओं के साथ हो रहे छलावे पर चुप नहीं बैठूगा । अंतिम सांस तक लड़ता रहूँगा। क्या आप लोग इस लड़ाई में साथ हैं?? सरकार से सीबीआई जाँच की अपील कर रहा हूँ ।इसके बाद उन्होंने मुख्यमंत्री से मुलाकात कर सीबीआई जांच की मांग को लेकर एक पत्र भी सौंपा
प्रदेश की बागडोर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आपके हाथों में देकर जहाँ युवा नेतृत्व का पैगाम दिया वहीं आप भी अपनी युवा ऊर्जा का बखूबी परिचय दे रहे हैं। प्रदेश में uksssc भर्ती घोटाले पर एसटीएफ जाँच बैठाकर जहाँ आपने युवाओं के बीच एक सकारात्मक संदेश दिया वहीं बाद में सचिव संतोष बडोनी को हटाकर यह भी साफ कर दिया कि ऐसे अधिकारीयों को पद पर बैठे रहने का कोई अधिकार नही। धामी जी!! अब प्रदेश में एक के बाद एक भर्ती घोटाले सामने आने लगे हैं दरोगा भर्ती , वन आरक्षी भर्ती , वन दरोगा भर्ती , सहकारिता भर्ती , ऊर्जा निगमों में जेई/एई भर्ती औऱ अब तो सीधे प्रदेश की विधानसभा में हुई बैकडोर भर्तियों की आँच क़ई राजनीतिक लोगो के दामन तक पहुँचेगी। चाहे वो पूर्व विधानसभा अध्यक्ष कुंजवाल जी हों या प्रेम चंद अग्रवाल जी सबके ऊपर विधानसभा में बैकडोर नियुक्तियों के गम्भीर आरोप लग रहे हैं।
धांमी जी। ये भी सच है कि हमारे प्रदेश के गरीब मध्यमवर्गीय परिवारों के बच्चे जिनके माँ बाप दो रोटी कम खाकर , घी दूध बेचकर अपने बच्चों को इसी आस के साथ पढा रहे हैं कि कभी तो हमारा बच्चा हमारा सहारा बनेगा , कभी तो नौकरी लगेगा ?? लेकिन प्रदेश में नौकरियों में हो रही बंदरबांट से आज युवा हताशा औऱ निराशा की तरफ बढ़ रहा है। धामी जी इन हताश औऱ निराश चेहरों से आज बस एक ही आवाज निकल रही है कि आप इन सारी भर्तियों की सीबीआई जाँच करवा दें। अगर मेरा भी कोई बलिदान चाहिए तो मैं भी तैयार हूँ। लेकिन अब इस प्रदेश के युवाओं में पुनः विश्वास जगाने के लिए उनके अंदर ऊर्जा के संचार के लिए , उनके मन मे एक दृढ़ विश्वास के लिए सीबीआई जांच जरूरी हो गई है।
मुझे कल ही किसी इस ऐसे ही युवा साथी का कॉल आया था । बेचारा वर्षो से देहरादून में कोचिंग कर रहा था खूब लगन औऱ मेहनत से तैयारी करता था लेकिन उसके हिस्से की नौकरियां बेच दी गई। अब वो नाउम्मीदी के साथ वापस उन्ही पहाडों में लौट रहा है जहाँ से वो कुछ बनने का सपना लेकर देहरादून आया था। वो मुझसे अपनी पीड़ा कहते हुए जार-जार रोने भी लगा था जिसे सुनकर सहजा मेरी आंखे भी गीली हो गई और अफसोस होने लगा उत्तराखंड की इस दशा औऱ दिशा को देखकर ।। धामी जी !! आपको यूँ ही धाकड़ धामी नही कहा गया है। जिन्होंने भी आपके लिए ये सम्बोधन किया वो कुछ सोच समझकर ही किया होगा। आज प्रदेश का युवा आप पर टकटकी लगाए हुए है कि धाकड़ धामी ही उत्तराखंड में इस नजीर को पेश करेंगे। इस पूरे कालखंड का इतिहास उत्तराखंड की आगामी प्रतियोगी परीक्षाओ की प्रश्नावलीयों का भी एक उत्तर बन जायेगा। धामी जी !! मै व्यक्तिगत तौर पर जितना धामी जी को जानता हूँ , वो धामी जी उत्तराखंड की राजनीति का वो पुरोधा है जिसका दिल बहुत बड़ा है । अटल जी ने कहा था कि छोटे दिल से कोई बड़ा नहीं होता और टूटे दिल से कोई खड़ा नहीं होता । जितनी आलोचना मै आपकी करता हूँ अगर कोई और मुख्यमंत्री होता तो पूर्व के मुख्यमंत्रियों की तरह मुझसे भिड़ गया होता लेकिन आप सहज और सरल व्यक्ति है । कभी-कभी मै आपके कुछ क़रीबियों के कारनामों के कारण (जो खुद की सीटें नहीं बचा पाए) जिनका अपना अस्तित्व कुछ नहीं सिर्फ़ धामी जी के नाम की रोटी पर ज़िंदा है उत्तेजित हो जाता हूँ और सोचता हूँ कि एक बार फिर इनका इलाज कर दूँ लेकिन राज्य हित में शांत हो जाता हूँ कि नहीं इस व्यक्ति को डिस्टर्ब नहीं करना , ये राज्य को बहुत आगे लेकर जाएगा ।मैं जब भी आपको देखता हूँ तो पाता कि आप प्रदेश के युवाओं के मन की बात जानते हुए भर्ती घोटालों की जाँच को सीबीआई से करवाने की दिशा में आगे बढ़ेंगे ।। उमेश कुमार जनता का निर्दलीय विधायक
