
स्कूल में विद्यार्थियों के दाखिले को लेकर सरकार ने एक अहम कदम उठाया है। स्कूली शिक्षा में एकरूपता लाने को लेकर सरकार ने यह फैसला लिया है कि देशभर के स्कूलों में बच्चों के पहली कक्षा में प्रवेश की उम्र 6 साल होगी। पहले इसे केंद्रीय स्तर पर केंद्रीय विद्यालयों में लागू करने के बाद अब शिक्षा मंत्रालय राज्यों में भी इसे लागू करने जा रहा है। इसके लिए सभी राज्यों को दिशा निर्देश भी दे दिए गए हैं और कहा गया है कि आगामी एक-दो साल में इस निर्णय को अमल में लाया जाए।बता दे कि देश भर में अभी तक कुल मिलाकर 22 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में यह नियम है कि विद्यालय में पहली कक्षा में प्रवेश की न्यूनतम उम्र 6 वर्ष है।इन राज्यों में बिहार, उत्तर प्रदेश, बंगाल, त्रिपुरा ,मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र ,मणिपुर, तमिलनाडु, सिक्किम, मिजोरम, पंजाब ,हिमाचल प्रदेश, छत्तीसगढ़, आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, मेघालय ,उड़ीसा, नागालैंड, चंडीगढ़, लक्षद्वीप, अंडमान निकोबार दीप समूह, दादरा और नगर हवेली शामिल हैं।
जब एक ही कक्षा में अलग-अलग आयु वर्ग के बच्चों का प्रवेश होता है तो उनमें अलग-अलग उम्र होने के कारण आयु वर्ग के आधार पर नामांकन के जुटाए जाने वाले ब्यौरे में भी गलती बनी रहती है इसलिए सरकार ने यह फैसला लिया है। तथा शिक्षा मंत्रालय द्वारा यह कदम नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में सिफारिश के बाद उठाया गया है। तथा जहां पर पहले से ही पहली कक्षा में दाखिले की उम्र 6 वर्ष तय की गई है उन 22 राज्यों के अलावा केरल, दिल्ली और गुजरात जैसे 14 राज्य एवं केंद्र शासित प्रदेशों में दाखिले की उम्र तय नहीं है और अब इन राज्यों में भी यह नियम लागू किया जाएगा।
