मृत कर्मचारी की दूसरी पत्नी से पैदा हुए बच्चे के अधिकारों के संबंध में सुप्रीम कोर्ट ने लिया यह फैसला, पढ़ें पूरी खबर

दरअसल सुप्रीम कोर्ट में मुकेश कुमार पुत्र जगदीश हरिजन ने अपने पिता कि भारतीय रेलवे में कर्मचारी रहते हुए मृत्यु होने के बाद उसे भारतीय रेलवे में नियुक्ति न मिलने पर याचिका दायर की थी। दरअसल जगदीश हरिजन की दो पत्नियां थी और मुकेश उनकी दूसरी पत्नी का बेटा है इसलिए भारतीय रेलवे ने उन्हें यह कहते हुए उन्हें नियुक्त नहीं किया कि वे अपने पिता की दूसरी पत्नी के बेटे हैं।तथा सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस यूयू ललित, एस रविंद्र भट्ट और पीएस नरसिम्हा की पीठ में इसी मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आवेदक की नियुक्ति इस वजह से खारिज नहीं की जा सकती कि वह अपने पिता की दूसरी पत्नी से पैदा किया हुआ बच्चा है। सुप्रीम कोर्ट ने निर्णय किया कि रेलवे की मौजूदा नीति के अनुसार इस मामले पर विचार किया जाए। तथा नियुक्ति तब रद्द करनी चाहिए जब आवेदक आवेदन कानूनों के अनुसार अन्य सभी आवश्यकताओं को पूरा ना करें ना कि इसलिए कि वह अपने पिता की दूसरी पत्नी का बेटा है। सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिए कि आवेदन पर विचार करने की प्रक्रिया आज से 3 महीने की अवधि के भीतर ही पूरी कर ली जाए। तथा मुकेश के सभी आवश्यकताओं को पूर्ण करने के बाद उसे रेलवे में नियुक्ति दी जाए।