जोशीमठ का भविष्य तय करेगी राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की रिपोर्ट

देहरादून| राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की रिपोर्ट के आधार पर जोशीमठ का भविष्य तय किया जाएगा|


बता दें कि जोशीमठ भू-धंसाव के कारणों की पड़ताल करने के लिए डेरा जमा चुके सभी आठ केंद्रीय संस्थानों के विशेषज्ञ दल अपनी रिपोर्ट एनडीएमए को देंगे| जो इसका अध्ययन करने के बाद एक रिपोर्ट तैयार कर राज्य सरकार को देगी| इस आधार पर जोशीमठ के भावी स्वरूप के लिए योजना तैयार होगी|
राज्य सचिवालय में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में हुई बैठक में इस विषय पर गहनता से मंथन हुआ|
मुख्य सचिव डॉ एमएस संधु ने कहा, जोशीमठ में आठ अलग-अलग केंद्रीय संस्थानों की टीम भू-धंसाव के कारणों का अध्ययन कर रही है| उनकी रिपोर्ट में विरोधाभास की संभावना है| इसलिए किसी एक संस्थान की रिपोर्ट के आधार पर किसी नतीजे पर नहीं पहुंचा जा सकता| सभी संस्थानों से कहा गया है कि जैसे-जैसे जांच पूरी होगी रिपोर्ट एनडीएमए को उपलब्ध कराएंगे| सभी 8 संस्थानों के विशेषज्ञ जांच दल की रिपोर्ट पर प्राधिकरण राज्य सरकार को एकरूपता वाली संयुक्त रिपोर्ट तैयार करके देंगे| इस रिपोर्ट पर सरकार जोशीमठ के लिए स्थायी पुनर्वास और पुनर्निर्माण की योजना तय करेगी|
इस मामले पर सीएम धामी ने कहा 8 संस्थाएं जोशीमठ में काम कर रही है| इन सभी की रिपोर्ट का एनडीएमए की टीम अध्ययन करेगी| राहत कार्यों की समीक्षा की है | नया शहर बसाना है| मुआवजा तय होना है| इन सभी बातों पर डीएम को सबसे सुझाव लेने के बाद रिपोर्ट देने को कहा गया है| उन्होंने कहा जोशीमठ में ड्रेनेज सिस्टम के डीपीआर बनाने के लिए टेंडर हो चुके हैं, लेकिन अब नए तरीके से सोचना होगा क्योंकि तब और अब की स्थिति में अंतर है| अब सभी काम नए सिरे से होंगे|