हाईकोर्ट ने की यूकेएसएसएससी के प्रश्नपत्र लीक करने वाले आरोपियों की जमानत अर्जी खारिज

उत्तराखंड राज्य के नैनीताल हाईकोर्ट में यूकेएसएसएससी के प्रश्न पत्र लीक करने वाले आरोपितों की जमानत अर्जी खारिज कर दी है। हाईकोर्ट ने प्रश्न पत्र लीक करने वाले 8 आरोपितों की जमानत अर्जी खारिज की है। इससे संबंधित अन्य मामलों में आने वाले दिनों में सुनवाई जारी रहेगी। इन आरोपियों की जमानत निचली अदालत से खारिज हो चुकी थी और हाईकोर्ट ने आरोपियों को समाज विरोधी कृत्य मानते हुए कोई राहत नहीं दी क्योंकि ऐसे सरकारी कार्मिक लालच में हजारों गरीब बेरोजगारों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहे थे और ऐसे कृत्य समाज विरोधी कृत्य होते हैं। इस मामले में सुनवाई न्यायमूर्ति रवींद्र मैठाणी की एकल पीठ में हुई। सरकार ने इस मामले में घोटाले की जांच कर रही एसटीएफ की मजबूत पैरवी के लिए अधिवक्ता ललित शर्मा को स्पेशल काउंसिल नियुक्त किया है और जमानत खारिज होने वाले आरोपितों में हिमांशु कांडपाल ,तनुज शर्मा, विपिन बिहारी, शशिकांत सिंह, ललित राज शर्मा, संदीप शर्मा, राजेश चौहान का नाम शामिल है और इसके अलावा बीते शनिवार को एक अन्य आरोपित मनोज जोशी की जमानत भी खारिज हो गई थी। आरोपितों की जमानत बीते बुधवार को खारिज हो चुकी है और इन आरोपितों में एक आरोपित राजेश चौहान आरएमएस कंपनी का मालिक है। इस कंपनी में भर्ती परीक्षाओं के प्रश्न पत्रों का प्रकाशन हुआ और इसी फर्म में विपिन बिहारी कर्मचारी हैं जिसके पास से काफी नगदी बरामद हुई थी और शशिकांत एक कोचिंग इंस्टिट्यूट चलाता है तथा तनुज शर्मा सरकारी विद्यालय में शिक्षक है। इन आरोपियो के विरुद्ध पिछले साल 2022 में देहरादून पुलिस थाने में यूकेएसएसएससी की ओर से मुकदमा दर्ज किया गया था और इनकी तरफ से जमानत के लिए याचिका दायर की गई थी जो कि खारिज हो गई है।