उत्तराखंड राज्य के नैनीताल जिले में स्थित हाईकोर्ट ने कहा कि एलटी कला शिक्षक पद पर नियुक्ति के लिए बीएड अनिवार्य योग्यता है। कोर्ट ने इस आधार पर करीब ढाई सौ एलटी कला विषय के लिए चल रही नियुक्ति प्रक्रिया को निरस्त कर दिया और निर्देश दिए हैं कि इस प्रक्रिया को नए सिरे से शुरू किया जाए। बीते सोमवार को मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति विपिन सांघी व न्यायमूर्ति रविंद्र मैठाणी की खंडपीठ में सुयालबाडी जिला नैनीताल निवासी ताराराम की याचिका पर सुनवाई की गई। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता डॉ कार्तिकेय गुप्ता ने बताया कि 2020 में सहायक शिक्षक एलटी पदों के लिए विज्ञापन जारी किया गया था एवं पद विज्ञापन में पात्रता एनसीटीई विनियम 2014 के अनुसार अनिवार्य रूप से बीएड निर्धारित की गई थी। अनिवार्य योग्यता के रूप में विज्ञापन के बाद राज्य सरकार ने 25 फरवरी 2021 को नए नियम प्रकाशित किए जिसमें बीएड की योग्यता हटा दी गई और याचिका के माध्यम से इसे चुनौती दी गई थी। याचिका में कहा गया था कि सरकार की ओर से 2021 की नियमावली में संशोधन कर बीएड को हटाना प्रावधानों के विपरीत है और कोर्ट ने भी इस तर्क को स्वीकार किया है तथा ढाई सौ भर्तियां निरस्त करते हुए कोर्ट ने नए सिरे से नियुक्ति करने के निर्देश दिए हैं।
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