केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया का कहना है कि सरकार अभी बूस्टर डोज और बच्चों के टीकाकरण की जल्दबाजी ना दिखाएं इससे खतरा भी हो सकता है। कोविड-19 के इस समय में हम सबको अपने वैज्ञानिकों पर भरोसा रखना होगा। स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया द्वारा यह बातें शीतकालीन सत्र के पांचवे दिन कही गई।
स्वास्थ्य मंत्री का कहना है कि कोविड-19 में ऑक्सीजन की कमी से होने वाले मौतों के बारे में सरकार ने पत्र लिखकर सभी राज्यों से ब्यौरा मांगा था तथा अभी तक 19 राज्यों ने इसका जवाब दिया है जिसमें से पंजाब ही एक ऐसा अकेला राज्य है जहां ऑक्सीजन की कमी से चार संदिग्ध मौते हुई थी। तथा उन्होंने की कहा की बूस्टर खुराक और बच्चों के टीकाकरण के संबंध में सरकार वैज्ञानिकों की सहमति से ही कोई फैसला लेगी। उन्होंने विपक्ष से भी अपील की कि वैज्ञानिकों पर भरोसा रखा जाए और कोई भी कदम उठाने से पहले वर्तमान परिस्थितियों को देखा जाए।
तथा स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने कोविड-19 काल की व्याख्या करते हुए कहा कि भारत में अभी तक कोरोना के कुल 3.46 करोड़ मामले सामने आए हैं, जिसमें से 4.6 लाख लोगों को मौत का सामना करना पड़ा। मौतों का आंकड़ा कुल मरीजों का 1.36% है जो अन्य किसी भी देश में सबसे न्यूनतम है। उन्होंने मोदी सरकार की तरफ इशारा करते हुए कहा कि सरकार पिछले 2 साल से भारत की कमजोर स्वास्थ्य व्यवस्था को मजबूत बनाने की कोशिश कर रही है तथा पिछले 2 साल से कोरोना के काल में सरकार ने जनता के हित में फैसले लेकर देश का विकास किया है।