अग्निपथ योजना पर पूर्व सैनिकों के सुझाव-: ‘जिसकी शारीरिक परीक्षा हो गई, उनकी प्रक्रिया न रोकी जाए’

देहरादून| देश में केंद्र सरकार द्वारा अग्निपथ योजना की घोषणा के बाद विरोध प्रदर्शन थमने का नाम नहीं ले रहा है| केंद्र सरकार की इस योजना पर पूर्व सैनिकों का कहना है कि भर्ती के लिए जिन अभ्यर्थियों की शारीरिक परीक्षा हो गई है, उनकी प्रक्रिया को न रोका जाए|
उन्होंने अग्निपथ योजना में ऐसे युवाओं को शारीरिक दक्षता से मुक्त रखने और केवल लिखित परीक्षा में शामिल होने का सुझाव दिया| ऐसे ही कुछ और महत्वपूर्ण सुझाव भी पूर्व सैनिकों की ओर से प्रदेश सरकार को दिए गए| मुख्यमंत्री कैंप कार्यालय स्थित मुख्य सेवक सदन में पूर्व सैनिकों से संवाद कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने पूर्व सैनिकों से योजना के बारे में सुझाव मांगे| कुछ पूर्व सैनिकों का मानना था कि अग्निपथ योजना के शुरू होने के बाद भर्ती की पुरानी प्रक्रिया न रोकी जाए| जब नई योजना पूरी तरह से व्यवहार में आ जाए और इसे लागू करने में रक्षा मंत्रालय सहज हो, तब पुरानी प्रक्रिया को बंद कर दिया जाए|
कुछ पूर्व सैनिकों ने अग्निपथ योजना में भर्ती होने वाले अग्निवीरों की सेवा अवधि 4 साल को कम माना है| उनका सुझाव है कि, इसकी सेवा अवधि बढ़नी चाहिए| कुछ ने इसे 4 से बढ़ाकर 10 साल करने का सुझाव दिया है| इसके अलावा कुछ अन्य पूर्व सैनिकों का मानना है कि अग्निपथ योजना की स्पष्ट और विस्तृत जानकारी न होने की वजह से भी भ्रम की स्थिति बनी हुई है इसलिए रक्षा मंत्रालय को इस योजना के अलावा केंद्रीय सुरक्षा बलों में आरक्षण व अन्य सुविधाओं के संबंध में अधिसूचित ब्योरा वेबसाइट पर उपलब्ध कराना चाहिए| संवाद के दौरान कुछ पूर्व सैनिकों ने कहा कि अग्निपथ के बारे में अच्छा संदेश जाना चाहिए लेकिन अचानक लाई गई इस योजना को लेकर ऐसा संदेश गया कि मानो सेना में भर्तियां बंद हो गई जबकि भर्तियां खुली है| इसे सकारात्मक ढंग से पेश किया जाए|
संवाद कार्यक्रम के दौरान यह बात भी कही गई कि अग्निपथ योजना का उत्तराखंड के युवाओं में विरोध नहीं है| कुछ पूर्व सैनिकों ने बताया कि राजनीतिक दृष्टि से युवाओं को गुमराह करने की कोशिश हो रही है लेकिन युवा वर्ग समझ चुके हैं| पूर्व सैनिकों ने कहा कि 25% जो सर्वश्रेष्ठ अग्निवीर होंगे वह सेना में बने रहेंगे| इसमें उत्तराखंड युवाओं की संख्या ज्यादा हो सकती है क्योंकि यहां के जवानों में ज्यादा सामर्थ्य और क्षमता होती है|