सख्ती -: सरकारी बैठकों में बुके की परंपरा व बीच में चाय परोशने पर लगा प्रतिबंध

देहरादून| सरकार ने बैठकों में बुके की परंपरा और बीच में चाय परोसने पर प्रतिबंध लगा दिया है| इसके साथ ही बैठकों के एजेंडो पर बनी सहमति के बिंदु भी हर हाल में अगले दिन जारी करने होंगे| मुख्य सचिव डॉ एसएस संधू ने सभी अफसरों को सरकारी बैठकों को परिणामदायक बनाने के लिए दिशानिर्देश जारी किए हैं| मुख्य सचिव संधु ने कहा कि शासन स्तर पर अथवा फील्डस्तर पर होने वाली बैठकों के दौरान प्राय यह देखा गया है कि आयोजक विभाग पूरी तैयारियों के साथ नहीं पहुंचते हैं| वहीं बैठकों में स्वागत में भी समय बर्बाद होता है| इसके साथ ही बैठकों के एजेंडों के प्रस्तुतीकरण में भी ज्यादा वक्त लगा रहे हैं| जो बिल्कुल गलत है| इससे बैठकों के बिंदुओं पर पर्याप्त चर्चा नहीं हो पाती है| उन्होंने कहा कि भविष्य में जो भी बैठक होगी उसमें बूके भेंट नहीं होगी| अपरिहार्य परिस्थितियों की बाद ही बैठक के दौरान बीच में पानी दिया जाएगा| बैठक के वक्त जलपान सामग्री अपव्यय ही होती है और इससे चर्चा भी बाधित होती है| इससे बचने के लिए बैठकों के बाहर अन्य स्थान पर पेयजल व चाय की व्यवस्था रखी जाए| एजेंडा से संबंधित प्रस्तुतीकरण को बुलेट प्वाइंट, ग्राफिक्स, सांकेतिक छाया चित्रों और न्यूनतम आंकड़ों के साथ तैयार किया जाए| बैठक को यथासंभव नियत समय के भीतर खत्म करने और सहमति और असहमति के बिंदुओं को अगले दिन अनिवार्य रूप से जारी करने की भी हिदायत दी है| बताते चलें कि पिछले दिनों मुख्यमंत्री धामी ने अपव्यय रोकने के लिए सरकारी कार्यक्रमों को होटल के बजाय मुख्य सेवक सदन में करने के निर्देश दिए थे| अब चाय-बुके को लेकर निर्देश जारी हुई|