
श्रीनगर| चार पूर्व मुख्यमंत्रियों डॉ. फारूक अब्दुल्लाह, अमर अब्दुल्ला, गुलाम नबी आजाद, महबूबा मुफ्ती और उनके स्वजनों की सुरक्षा का जिम्मा संभाल रही जम्मू कश्मीर पुलिस का विशेष सुरक्षा दल (एसएससी) जल्द इतिहास का हिस्सा बनने जा रहा है|
लगभग 15 साल पहले गठित एसएससी को प्रदेश सरकार पूरी तरह भंग करने का गंभीरता से विचार कर रही है| सुरक्षा व्यवस्था को तार्किक बनाने और सुरक्षा की इस प्रक्रिया के बाद चारों पूर्व मुख्यमंत्रियों की सुरक्षा का जिम्मा संबंधित जिला पुलिस या पुलिस का सुरक्षा विग संभालेगा| हालांकि यह बात साफ है कि चारों पूर्व मुख्यमंत्रियों को जेड प्लस श्रेणी की सुविधा पहले की तरह ही मिलेगी|
एसएससी को भंग करने के बाद इसके अधिकारियों व जवानों को उनके साजो सामान समेत सुरक्षा विग और उपराज्यपाल की सुरक्षा का जिम्मा संभाल रहे विशेष सुरक्षा बल एसएसएफ में भेजा जाएगा|
1996 में एसएसजी का गठन डॉक्टर फारूक अब्दुल्ला के नेतृत्व में तत्कालीन सरकार ने किया था| इसके बाद 31 मार्च 2020 में जम्मू कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम के लागू होने के बाद एसएसजी अधिनियम में संशोधन कर पूर्व मुख्यमंत्रियों व उनके स्वजनों को सुरक्षा चक्र प्रदान करने के प्रावधान को हटा दिया गया था| एसएससी में अधिकारियों और जवानों का सेवाकाल 5 से 7 साल तक होता है| परिस्थितियों के आधार पर इसमें नियुक्त अधिकारियों और जवानों को समय से पहले भी हटाया जा सकता है|
