तो क्या संक्रमण के खतरे से रुक जाएंगी चुनावी रैलियां………. राजनीतिक दलों ने कहीं ये बातें

आगामी विधानसभा चुनाव काफी नजदीक है 2022 में आने वाले विधानसभा चुनाव के लिए सभी राजनीतिक दल जोरों- शोरों से तैयारियां कर रहे हैं और अपनी जनसभाएं भी आयोजित कर रहे हैं। मगर वर्तमान में चुनावों के बीच में ओमिक्रोन वेरिएंट का संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है जिस कारण शासन- प्रशासन ने इस संबंध में कोविड संबंधी गाइडलाइन का पालन करने के निर्देश दिए हैं वर्तमान में संक्रमण से बचने के लिए सरकार नाइट कर्फ्यू लगा रही है व भीड़ इकट्ठा होने पर भी प्रतिबंध लगाए जा रहे हैं। लेकिन इस मामले में सबसे बड़ी बात यह है कि अगामी विधानसभा चुनाव के लिए जो राजनीतिक दल जनसभाएं कर रहे हैं रैलियां आयोजित कर रहे हैं क्या उन पर भी रोक लगेगी इस मामले में विभिन्न चुनावी दलों का अपना- अपना मत इस प्रकार है।


भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक का इस संबंध में कहना है कि प्रशासन की तरफ से जो भी गाइडलाइन जारी होंगी भाजपा उसका पूरी निष्ठा से पालन करेगी क्योंकि जनता की सुरक्षा भाजपा की पहली जिम्मेदारी और नैतिक कर्तव्य भी है और इस संबंध में शासन प्रशासन द्वारा जो भी नियम बनाए जाएंगे भाजपा उन्हें अमल में लाएगी।


तथा इसी संबंध में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने कहा है कि कांग्रेस एक जिम्मेदार पार्टी है जनता के हित के लिए हमेशा से प्रयत्नशील रही है और यदि जनता की सुरक्षा को लेकर प्रशासन द्वारा कोई भी गाइडलाइन जारी की जाएगी और सभी लोग समान रूप से उसका पालन करेंगे तो कांग्रेस भी सारे नियमों का पालन करेगी। मगर यदि सत्ताधारी दल और विपक्ष के बीच जरा भी पक्षपात किया तो इस बात का विरोध भी होगा।


जनसभाओं से जनता की सुरक्षा को लेकर उत्तराखंड क्रांति दल के अध्यक्ष काशी सिंह ऐरी का कहना है, कि वह संक्रमण के कारण जनसभाओं में रोक लगाने के पक्ष में है तथा उन्होंने यह भी कहा कि वह बहुत पहले से ही चाहते थे कि संक्रमण के दौर में जनसभाओं का आयोजन ना किया जाए मगर कांग्रेस और भाजपा की तरफ से काफी जनसभाओं का आयोजन किया जा रहा है। और ऐसी जन सभाओं के आयोजन से लोगों की भीड़ इकट्ठा होगी और संक्रमण के फैलने का खतरा भी ज्यादा होगा इसलिए चुनावी जनसभाओं पर रोक लगाना है सबके लिए उचित होगा।