देश में ओमिक्रोन वेरिएंट के संक्रमण को लेकर सभी लोग काफी परेशान हैं व इस वायरस से निपटने के बारे में सोच रहे हैं ऐसे में आगामी विधानसभा चुनाव 2022 काफी निकट आ रहे हैं तथा आगामी विधानसभा चुनाव के लिए भारी मात्रा में रैलियों का आयोजन किया जा रहा है तथा जनसभाओं में भी काफी भीड़ देखने को मिल रही है। व कोई भी इस दौरान कोविड गाइडलाइन का पालन नहीं कर रहा है। इन्हीं सब को देखते हुए उच्च न्यायालय में सच्चिदानंद डबराल के द्वारा याचिका दायर की गई थी जिसकी सुनवाई हो चुकी है।
याचिका दायर करने के साथ ही सच्चिदानंद डबराल ने न्यायालय को एक प्रार्थना पत्र भी दिया था जिसमें लिखा था के भारत में स्वास्थ्य सेवाएं औरों की अपेक्षा काफी कमजोर है और उत्तराखंड में स्वास्थ्य सेवाओं का ढांचा काफी कमजोर है उत्तराखंड में केवल एक एम्स है और 12 जिला चिकित्सालय ऐसे में राज्य को संक्रमण से बचाना सबका दायित्व है। साथ ही में याचिका में यह भी लिखा गया था कि कोरोना के नए वेरिएंट की फैलने की क्षमता पिछले वेरिएंट से 318 गुना तेज है। तथा विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट में भी कहा गया है कि 1000 जनसंख्या पर एक डॉक्टर का होना बेहद जरूरी है मगर भारत में 1456 जनसंख्या को एक डॉक्टर उपलब्ध है और उत्तराखंड में तो हालात और भी बुरे हैं यहां पर 7911 लोगों पर एक चिकित्सक उपलब्ध है और राज्य में स्वास्थ्य सुविधाएं बाहर की अपेक्षा काफी कमजोर है। यहां पर स्वास्थ्य अधिकारियों का भी काफी अभाव है। तथा राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं से संबंधित कई पद रिक्त हैं। और ऐसे में संक्रमण की बीच आगामी चुनाव काफी निकट है और सभी चुनावी दल जोरो- शोरो से चुनावी
कर रहे हैं तथा जनसभा आयोजित कर रहे हैं और इन आयोजनों के दौरान ना कोई कोविड संबंधी गाइडलाइन का पालन कर रहा है और ना ही कोई मास्क पहन रहा है। सोशल मीडिया पर भी इसके उदाहरण देखे जा सकते हैं। ऐसे में यदि राज्य में चुनाव हुए तो संक्रमण फैलने का खतरा काफी हद तक बढ़ जाएगा इसलिए आगामी विधानसभा चुनाव 2022 को कुछ समय के लिए स्थगित कर देने चाहिए। तथा चुनावी दलों को ऑनलाइन और वर्चुअल रैलियों और जनसभाओं का आयोजन करना चाहिए। उच्च न्यायालय में दी गई इस याचिका के संबंध में कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजय मिश्रा एवं न्यायमूर्ति एनएस धनिक की युगलपीठ में आज दिनांक 29 दिसंबर 2021 को बुधवार के दिन सुनवाई हो चुकी है तथा इस संबंध में न्यायालय ने राज्य और केंद्र सरकार के अलावा केंद्रीय चुनाव आयोग को भी आगामी सोमवार तक जवाब देने को कहा है।