भारत में कोरोना के नए वेरिएंट ओमिक्रान ने कुछ दिनों पहले दस्तक दी है इसे लेकर देश में शासन और प्रशासन सतर्क हो चुका है मगर देश के कई राज्यों में ओमिक्रान का खतरा मंडरा रहा है जिसमें उत्तराखंड को भी कोरोना के नए वेरिएंट से काफी खतरा है क्योंकि भारत के पड़ोसी मुल्क नेपाल में भी कोरोना के नए वेरिएंट से संक्रमित लोग पाए गए हैं। तथा नेपाल से उत्तराखंड के सीमांत जिलों में रोज सैकड़ों लोग आते जाते रहते हैं इसी बीच यह सवाल खड़ा हो चुका है कि क्या उत्तराखंड में भी कोरोना के नए वेरिएंट ने दस्तक दे दी है।
दरअसल दून के मेडिकल कॉलेज में लोगों की जिनोम सीक्वेंसिंग कराई गई है जिसमें पहले बैच में 18 लोगों के सैंपल लिए गए है तथा इन सभी के सैंपलो में डेल्टा व डेल्टा प्लस के लक्षण सामने आए हैं तथा जिनोम सीक्वेंसिंग कराई गई दूसरे बैच की रिपोर्ट भी आ गई है जिसमें 80 लोगों के सैंपल लिए गए दूसरे रिपोर्ट में कोरोना के किसी भी नए वेरिएंट के लक्षण सामने नहीं आए हैं मगर पहले बैच में की गई जिनोम सीक्वेंसिंग के दौरान सभी में डेल्टा व डेल्टा प्लस के लक्षण सामने आए हैं जो सामान्य कोरोना से घातक है इसका अर्थ यह है कि अभी भी उत्तराखंड के लोगों को सजग रहने की काफी आवश्यकता है क्योंकि ओमिक्रान की पुष्टि भले ही ना हुई हो मगर लिए गए सैंपल में डेल्टा व डेल्टा प्लस के लक्षणों की पुष्टि हुई है।
तथा उत्तराखंड के सीमा से लगे नेपाल में भी कोरोना के नए वेरिएंट की पुष्टि हो चुकी है और नेपाल से उत्तराखंड के सीमांत जिलों में नागरिकों का आना जाना लगा रहता है। तथा दून मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ आशुतोष सयाना का कहना है, कि विभिन्न जिलों से काफी कम मात्रा में सैंपल आ रहे हैं जिले सैंपल भेजने के लिए कंजूसी कर रहे हैं और लापरवाही भी तथा अभी की की गई लापरवाही का भुगतान राज्य को बाद में करना पड़ सकता है।