उत्तराखंड में आपदा से बचाव के लिए लगेगा सायरन सिस्टम, केरल के बाद प्रणाली अपनाने वाला बनेगा दूसरा राज्य

अब उत्तराखंड में आपदाओं से बचाव के लिए कई जगहों पर पायलट प्रोजेक्ट के तहत सायरन सिस्टम लगाया जाएगा| जिसके प्रथम चरण में 250 जगहों पर यह सिस्टम लगाया जाना है|


उत्तराखंड मल्टी हजार्ड अर्ली वार्निंग सिस्टम के नाम से उत्तराखंड में स्थापित किए जाने वाले इस प्रोजेक्ट के लिए प्रथम चरण में 118 करोड़ की स्वीकृति मिली है| मुख्य सचिव एसएस संधु की अध्यक्षता में हुई उच्चाधिकार प्राप्त समिति की बैठक में इस प्रोजेक्ट को मंजूरी प्रदान की जा चुकी है| वर्ल्ड बैंक इस प्रयोजना को फंडिंग कर रहा है| अब इसके लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ग्लोबल टेंडर आमंत्रित किए जाएंगे|
बता दें इस प्रयोजना के लागू होने के बाद उत्तराखंड, केरल के बाद दूसरा राज्य होगा जो इस प्रणाली को अपनाने जा रहा है| केरल ने अपने यहां इस प्रोजेक्ट पर करीब 80 करोड़ रुपये खर्च किए| इस सिस्टम के तहत राज्य में संवेदनशील स्थानों पर स्थित मोबाइल टावरों पर यह सिस्टम लगाया जाएगा| जहां मोबाइल टावर नहीं होंगे वहां नए टावर लगाए जाएंगे| जिसके बाद भारतीय मौसम विज्ञान विभाग और सेंट्रल वाटर कमीशन जैसी संस्थाओं से प्राप्त होने वाले अलर्ट को सायरन के माध्यम से लोगों तक पहुंचाया जाएगा और बाढ़, भूकंप, अतिवृष्टि, हिमस्खलन जैसी आपदाओं में लोग वक्त रहते सुरक्षित स्थानों पर पहुंचकर जानमाल की सुरक्षा कर सकेंगे| किसी भी आपदा की स्थिति में तीन स्तरों से सायरन सिस्टम को ऑपरेट किया जा सकेगा|
पहला जहां सायरन सिस्टम लगेगा वहां एक मिनी कंट्रोल रूम भी होगा|
दूसरा जिला स्तर पर बने कंट्रोल रूम से भी इसे ट्रिगर किया जा सकेगा|
तीसरा राज्य स्तर पर बने कंट्रोल रूम से भी सायरन सिस्टम को एक्टिवेट किया जा सकेगा|
उत्तराखंड मल्टी हजार्ड अर्ली वार्निंग सिस्टम की खास बात यह है कि यह अलग-अलग आपदाओं में अलग-अलग प्रकार की ध्वनियां प्रसारित करेगा| इससे लोगों को पता चल सकेगा कि वह किस तरह के खतरे में है|