
देहरादून| उत्तराखंड को रोशन करने के लिए आज लोहारी गांव जल समाधि लेगा| 120 मेगावाट की व्यासी परियोजना के लिए विस्थापित किया गया लोहारी गांव आज हमेशा के लिए बांध की झील में जलमग्न हो जाएगा| झील का पानी ग्रामीणों के खेतों तक पहुंच गया था| ग्रामीणों के घर भी पानी में डूबने लगे हैं| गांव खाली हो जाने के बाद उत्तराखंड जल विद्युत निगम ने एकाएक पानी की मात्रा बढ़ा दी| जिससे एक ही रात झील का जलस्तर 624 आरएल मीटर से 628 आरएल मीटर तक पहुंच गया| सिर्फ 2 मीटर और पानी बढ़ने पर लोहारी गांव हमेशा के लिए झील में जलमग्न हो जाएगा|
व्यासी बांध प्रयोजना के अधिशासी निदेशक राजीव अग्रवाल के अनुसार 15 से 16 अप्रैल तक पानी बिजली उत्पादन के स्तर पर पहुंच जाएगा| अप्रैल के अंत तक पावर हाउस से बिजली उत्पादन शुरू हो जाएगा|
गांव के बुजुर्गों काफी भावुक है, क्योंकि वह जिन खेतों में मेहनत करते थे, मशक्कत करते थे उन्हें डूबता हुआ देख रहे हैं| वह खेतों में पानी पहुंचने तक जितना हो सके फसल समेटने में जुटे हुए थे|
