पारदर्शी तबादलों के लिए विभाग में बनाई जा रही है नियमावली – शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत

देहरादून| शिक्षा विभाग द्वारा शिक्षकों के तबादलों के लिए एक्ट की जगह नियमावली बनाकर शिक्षकों के तबादले के अधिकार को खत्म करने की तैयारी कर ली है|


शासन की तरफ से सचिव समिति के पास हरियाणा की तर्ज पर बन रही नियमावली का जो ड्राफ्ट रखा जाना है, उसमें यह लिखा है कि तबादला शिक्षक का अधिकार नहीं माना जाएगा|
शिक्षक संगठनों के मुताबिक सरकार नियमावली बनाने के बजाय तबादला एक्ट में ही जरूरी संशोधन करें|
बताते चलें कि शिक्षा विभाग में पारदर्शी तबादले राज्य गठन के बाद से ही सरकारों के लिए एक बड़ी चुनौती है| सरकार पर मनमाने तबादलों के कारण कई बार सवाल फिर उठे हैं| इसी कारण सरकार ने शिक्षकों के तबादलों के लिए वर्ष 2012 में बनी तबादला नीति को खत्म कर वर्ष 2017 में तबादला एक्ट बनाया| जिसे शिक्षा विभाग के साथ ही सभी विभागों के लिए वर्ष 2018 में लागू किया गया| लेकिन सरकार फिर नियमावली बनाने जा रही है| इसका ड्राफ्ट तैयार किया गया है| उसमें शिक्षकों ने तबादलों के लिए स्कूलों को 2 क्षेत्रों पर्वतीय और मैदानी, में बांटा है| इस ड्राफ्ट में स्पष्ट किया गया है कि तबादलों के लिए ऑनलाइन प्रक्रिया अपनाई जाएगी| जिसमें अनिवार्य तबादले शिक्षकों के गुणांकों के आधार पर वरीयता क्रम में उपलब्ध खाली पदों पर की जाएगी जबकि अनुरोध के आधार पर विशेष श्रेणी के शिक्षकों के तबादले होंगे|
जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष रघुवीर पुंडीर के अनुसार, एक्ट से दुर्गम से सुगम क्षेत्र के स्कूल में तबादले की उम्मीद रहती है| यदि एक्ट की जगह नियमावली बना दी गई तो अधिकारियों और मंत्रियों की परिक्रमा करने वाले चहेते शिक्षक ही सुविधाजनक स्कूलों में तबादला ले पाएंगे|
शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत का कहना है कि शिक्षा विभाग सबसे बड़ा विभाग है| पारदर्शिता तबादलों के लिए विभाग में नियमावली बनाई जा रही है| इसके प्रस्ताव को कैबिनेट में लाया जाएगा| इसके बनने से शिक्षक खुश है| इससे उनके ऑनलाइन तबादले होंगे|