लगातार बढ़ रही कच्चे तेल की कीमतें, जानिए कब तक जारी रहेगी बढ़ोतरी

अंतरराष्ट्रीय बाजार में महंगे कच्चे तेल के घरेलू स्तर पर पेट्रोल-डीजल की कीमत लगातार बढ़ रही है| यह बढ़ोतरी मई में भी जारी रह सकती है| जिसका कारण यह है कि देश की दो प्रमुख तेल विपणन कंपनियां सऊदी की अरामको से कम कच्चा तेल खरीदेगी| एक रिपोर्ट के मुताबिक सऊदी अरामको ने हाल ही में एशिया के बीच कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोतरी की है| इससे एशिया में कच्चा तेल रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंच गया है| इसको देखते हुए भारतीय रिफाइनरी कंपनियों ने मई में सामान्य से कम तेल खरीदने का फैसला किया है| वित्त मंत्रालय के मुताबिक केंद्र सरकार सस्ता कच्चा तेल खरीदने के लिए सभी संभावित विकल्पों की तलाश कर रही है| वित्त मंत्रालय ने मासिक आर्थिक समीक्षा रिपोर्ट में कहा है कि इसके लिए आयात के तौर तरीकों में भी बदलाव किया जा सकता है| महंगे कच्चे तेल के आर्थिक विकास प्रभावित हो सकता है| यदि कच्चे तेल की कीमत है 1 महीने तक 110 से 120 डॉलर की बीच रहती है तो महंगाई में तेज इजाफा होगा इससे आर्थिक विकास पर असर पड़ेगा| भारत बिजली उत्पादन के लिए आयातित कोयले पर निर्भर है| कोयले की कीमतों में वार्षिक आधार पर 196 फ़ीसदी की बढ़ोतरी हो चुकी है| ऐसे में बिजली महंगी होने से अधिकांश उत्पादों की कीमतों में बढ़ोतरी होगी|