बीते 20 दिसंबर 2021 को सोमवार के दिन लोकसभा में पिछले 7 सालों में 122 आईआईटी आईआईएम के छात्रों की आत्महत्या का खुलासा हुआ है। दरअसल बीते वर्ष 2014 से लेकर 2021 तक 7 सालों के अंदर ही आईआईटी आईआईएम के 122 छात्रों के द्वारा आत्महत्या की गई। इस संबंध में बीते 20 दिसंबर 2021 को सोमवार के दिन लोकसभा में केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने जानकारी देते हुए कहा कि देश के उच्चतर शिक्षण संस्थानों में छात्रों द्वारा की गई आत्महत्या के आंकड़े कुछ इस प्रकार हैं उन्होंने बताया कि इन 7 सालों में अनुसूचित जाति से 24 छात्रों ने तथा अनुसूचित जनजाति से 3 छात्रों ने तथा अन्य पिछड़ा वर्ग से 41 छात्रों ने व अल्पसंख्यक वर्ग से 3 छात्रों की आत्महत्या का मामला सामने आया है। तथा वही आईआईटी में 34 छात्रों ने तथा आईईएम 5 छात्रों ने आईईएससी से 9 छात्रों ने इस दौरान आत्महत्या की है। तथा केंद्रीय विश्वविद्यालयों के 37 छात्रों ने तथा भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी के 5 छात्रों ने व राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थानों के 30 छात्रों की आत्महत्या के मामले सामने आए हैं।
इस संबंध में शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने बताया कि हो सकता है छात्रों ने आत्महत्या किसी दबाव या उनके पठन-पाठन संबंधी परेशानियों व भेदभाव के कारण की हो। उन्होंने बताया कि भारत सरकार और यूसीजी द्वारा इन सब पर रोक लगाने के लिए कई नियम बनाए जा रहे हैं। तथा मंत्रालय द्वारा छात्रों के अनुकूल पठन-पाठन के कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। बच्चों को तनाव ना हो इसके लिए मंत्रालय ने कई नियम बनाए हैं तथा शिक्षा में छात्रों की क्षेत्रीय भाषा को भी कई हद तक शामिल किया गया है।