देश में ओबीसी आरक्षण के लिए क्रीमीलेयर की सेवा को 8 लाख से बढ़ाकर 12 लाख करने की तैयारी में केंद्र की मोदी सरकार जुटी हुई है| इसके अतिरिक्त सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय इस बात पर भी विचार कर रहे हैं कि सालाना इनकम में सैलरी और खेती से हुई कमाई को भी शामिल किया जाए या नहीं|
बता दें कि सरकारी नौकरियों और उच्च शिक्षण संस्थानों में अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए 27 फ़ीसदी का आरक्षण है| आज इस आरक्षण के लिए आठ लाख तक की सालाना आय की सीमा तय की गई है| इससे अधिक कमाई वाले लोगों को आरक्षण नहीं मिलेगा|
इससे संबंधित एक कमेटी की सिफारिश गृह मंत्रालय के पास 1 साल से लंबित है| मंत्रालय के मुताबिक त्रिवार्षिक समीक्षा बैठक में इस मुद्दे पर कैबिनेट नोट भी तैयार हुआ था, लेकिन इसके बावजूद भी उसे वापस ले लिया गया| अब इस पर एक बार फिर विचार किया जा रहा है| इसके अलावा मंत्रालय यह भी विचार कर रहा है कि गणना की जाने वाली सालाना आय में कृषि से होने वाली आय को शामिल किया जाए या नहीं| आर्थिक वर्गीकरण आमतौर पर 3 साल के बाद होता है|